
सीकर से गिरफ्तार आईएस के फाइनेंस मैनेजर जमील से एटीएस व सुरक्षा एजेंसियों को बदगादी का अधूरा 'टेरर प्लान' हाथ लगा है।
खुफिया एजेंसियों के हाथ हाल में सिर्फ इंटरसेप्ट किए सबूत हैं, जिनको लेकर भी जमील ज्यादा कुछ नहीं बता रहा है। उसके दुबई में रखे तीन मोबाइल में आईएस का 'फंडिंग' और 'टेरर' प्लान कैद होने का खुलासा होने से खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं।
एजेंसियों अब जमील के तीनों मोबाइल व अन्य गजट की जांच और उन्हें लाने को कागजी और कानूनी कार्रवाई में जुट गई हैं।
सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में जमील ने खुलासा किया कि मुम्बई आकर उसने एक मोबाइल खरीदा था और एक पुराना है। इसके अलावा उसके तीन मोबाइल दुबई में हैं। जिनमें एक मोबाइल वह दुरस्त कराने को देकर आया है।
इन मोबाइलों में आईएस आका बगदादी का जमील को मिले टारगेट के सबूत हैं। देशभर में आईएस की स्लीपर सेल के साथ ही कैम्पेन और लॉजिस्टिक विंग के लोगों के नाम या उनकी कोड वर्ड पहचान मिल सकती है। उधर सीकर में एटीएस ने परिजनों को जमील से मिलवाया।
एटीएस के एक बड़े अधिकारी ने जमील के दुबई में रखे मोबाइल से 2014 से मुम्बई आने तक का 'टेरर प्लान' मिल सकता है। 2014 में जमील आईएस से जुड़ा था और उससे पहले मोबाइल और सिम हैं।
संयुक्त अरब अमीरात दूतावास से कानूनी प्रक्रिया के तहत समन्वय करके जमील के मोबाइल और अन्य गजट भारत लाने के साथ उसके मोबाइलों में उपयोग हो रही सिमों की डिटेल के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
एटीएस के मुताबिक, गत 28 अक्टूबर को दुबई से जमील अहमद मुम्बई आया था। मुम्बई में कुछ दिन परिवार के साथ रहकर, जमील दीपावली के बाद फतेहपुर (सीकर) आया। भारत में जमील के बिताए करीब 18 दिन की पल-पल की डिटेल जुटाई जा रही है।
मोबाइल की कॉल डिटेल से उससे सम्पर्क करने वालों के नाम और लोकेशन जुटाई जा रही है। मुम्बई में जमील किन-किन से और कहां पर मिला।
Published on:
20 Nov 2016 11:52 am
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