जल संकट का समाधान – एक अनूठी पहल
भारतीय जैन संघटना (बीजेएस) ने मोही गांव में करणी सागर तालाब की सफाई और गहरीकरण का एक अहम अभियान चलाया। यह अभियान पिछले एक महीने से चल रहा था और अब इसका असर दिखने लगा है। बीजेएस ने प्रशासनिक अनुमति लेकर, जिला परिषद और ग्राम पंचायत के सहयोग से तालाब से 11,000 घन मीटर मिट्टी की खुदाई करवाई। यह मिट्टी न केवल तालाब की गहरीकरण में सहायक बनी, बल्कि इसे 35 स्थानीय किसानों को निःशुल्क वितरण किया गया, ताकि वे इसे अपने खेतों में उपयोग कर सकें।
जलभराव क्षमता में बढ़ोतरी
इस मिट्टी की खुदाई के कारण, करणी सागर तालाब की जलभराव क्षमता में 1 करोड़ 10 लाख लीटर की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि तालाब में अब और अधिक पानी स्टोर हो सकेगा, जिससे पशु, पक्षी और आसपास के क्षेत्रों के कुओं-बावड़ियों का जलस्तर भी बेहतर होगा। इस कार्य में फोर्स मोटर्स ने वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे यह मिशन सफल हो सका।
सशक्त जल संरक्षण अभियान
बीजेएस के जिलाध्यक्ष कमलेश कच्छारा ने बताया कि संस्था का विजन है कि हर जिले, तहसील और गांव में जल संरक्षण के अभियान चलाए जाएं, ताकि लोग वर्षा जल का महत्व समझ सकें और पारंपरिक जलस्रोतों जैसे नदी, तालाब और नाड़ियों की सफाई कर सकें। यह अभियान बीजेएस के संस्थापक शांतिलाल मुत्था के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जो चाहते हैं कि लोग जल का सही उपयोग करें और जलस्रोतों को बचाए रखें।
समुदाय के लिए कई नए विकास कार्य
बीजेएस के इस अभियान के साथ-साथ, तालाब के आसपास की पंचायत ने कई अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्य भी किए हैं। इस तालाब में महिला, पुरुष घाट और गौ घाट का निर्माण करवाया गया है, और नरेगा योजना के तहत तालाब की पक्की दीवार का 800 मीटर लंबा काम भी पूरा किया गया है। इसके अलावा, सीसी सड़क का निर्माण भी हुआ है, ताकि लोगों को जल स्रोत तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो।
लोकल नेताओं की प्रतिक्रिया
रतन लाल भील, सरपंच, ग्राम पंचायत मोही ने इस कार्य की सराहना करते हुए कहा, “बीजेएस द्वारा तालाब गहरीकरण का कार्य सराहनीय है। इससे तालाब की भराव क्षमता बढ़ी है, और इससे गांववासियों को आने वाले महीनों में पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।” दिग्विजय सिंह भाटी, उपसरपंच, ग्राम पंचायत मोही ने बताया, “बीजेएस ने इस वर्ष करणी सागर तालाब पर जो डिसिल्टिंग का कार्य किया है, उससे तालाब के आसपास के कुओं और बोरवेल्स के जल स्तर में सुधार हुआ है। इसके अलावा, तालाब में जून माह तक पशु एवं पक्षियों के लिए पर्याप्त पानी रुकेगा। पंचायत की योजना है कि इस तालाब को भविष्य में एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित किया जाए।”
यह अभियान न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह दिखाता है कि यदि समुदाय, प्रशासन और स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर काम करें, तो जल संकट जैसी बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। बीजेएस का यह जल संरक्षण अभियान अन्य क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है। अब राजसमंद के लोग इस तालाब के जरिए एक सालभर तक पानी की उपलब्धता का फायदा उठा सकेंगे, और आस-पास के क्षेत्र भी इससे लाभान्वित होंगे।