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अमरीकी राजदूत गार्सेटी ने कुम्भलगढ़ में लिया जंगल सफारी का लुत्फ, रणकपुर का जैन मंदिर भी देखा

US Ambessador in Kumbhalgarh बोले— यह अविश्वनीय, अद्वितीय एवं शिल्पकला का अनूठा उदाहरण  

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US Ambessador in Kumbhalgarh अमरीका के भारत में राजदूत एरिक एम. गार्सेटी शुक्रवार को परिवार सहित विश्वविरासत कुम्भलगढ़ पहुंचे। उन्होंने यहां जंगल सफारी का लुत्फ लिया। उन्होंने रणकपुर का जैन मंदिर भी देखा।

दोपहर में कुम्भलगढ़ में पहुंचे गार्सेटी की प्रताप चौराहे पर अगवानी हुई। आधा दर्जन जिप्सियों के लवजामे के साथ वह कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की सैर के लिए निकले। उनके साथ पुलिस व प्रशासन के साथ वन विभाग के अधिकारी भी थे। बाद में गार्सेटी दुर्ग पर पहुंचे, जहां उन्होंने ऐतिहासिक कुंभलगढ और विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार देखी। दुर्ग देख अभिभूत हुए अमरीकी राजदूत ने इसे अविश्वनीय, अद्वितीय एवं शिल्पकला का अनूठा उदाहरण बताया। हेरिटेज सोसायटी के सचिव कुबेर सिंह सोलंकी ने उन्हें दुर्ग की गौरव गाथा से रूबरू करवाया। शाम को उन्होंने लाइट एंड साउंड शो का भी आनंद लिया। इस दौरान तहसीलदार विनोद जांगिड़, वनपाल सत्येंद्र सिंह, डीएसपी ज्ञानेंद्र सिंह, थानाधिकारी विशाल गवारिया सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

इससे पूर्व अमरीकी राजदूत ने पत्नी, बच्ची व 3 मेहमानों के साथ राणकपुर जैन मंदिर का शिल्प वैभव निहारा। विश्व विख्यात राणकपुर जैन मंदिर पहुंचकर शिल्प कलाकृति का बारीकी से अवलोकन किया। परिवार के साथ उन्होंने अविस्मरणीय पलों को मोबाइल कैमरे में कैद किया। मुख्य पुजारी जयप्रकाश शर्मा, संदीप शर्मा, मानव और चिराग शर्मा ने भगवान आदिनाथ की धूप पूजा करवाई। अमरीकी राजदूत एरिक, परिवारजन व मेहमान शिल्पकलाकृति से प्रभावित हुए। एरिक ने जिज्ञासावश कई प्रश्न भी किए। मन्दिर की विजिट बुक में उन्होंने मन्दिर शिल्पकला को अद्वितीय, नायब एवं मन को श्रद्धा, भक्ति, आस्था व शांति देने वाली बताया।