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खुदाई का खेल खत्म! कलक्टर ने अधिकारियों को दी दो टूक चेतावनी, हर कोने पर होगी निगरानी की चोट

अफसरों के लिए अब आराम के दिन खत्म हो चुके हैं। अब अवैध खनन की शिकायतें सिर्फ फाइलों में नहीं दबेंगी, बल्कि उन पर गरजती कार्रवाई होगी।

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Dm Meeting

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राजसमंद. अफसरों के लिए अब आराम के दिन खत्म हो चुके हैं। अब अवैध खनन की शिकायतें सिर्फ फाइलों में नहीं दबेंगी, बल्कि उन पर गरजती कार्रवाई होगी। बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट में टास्क फोर्स की अहम बैठक के दौरान कलक्टर बालमुकुंद असावा का रुख सख्त रहा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर किसी भी कोने में अवैध खनन की भनक लगी और उस पर एक्शन नहीं हुआ, तो सीधे जवाबदेही तय की जाएगी – मतलब कार्रवाई सिर्फ खनन पर नहीं, अफसरों पर भी तय है।

अब खनन नहीं, कार्रवाई चलेगी!

बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलक्टर असावा ने कहा, “जिले में कहीं भी, किसी भी तरह का अवैध खनन बर्दाश्त नहीं होगा। अगर कोई अधिकारी उसे नज़रअंदाज़ करता है या ढिलाई बरतता है, तो सीधा उस पर कार्रवाई तय है।” यह बयान महज़ औपचारिकता नहीं था, बल्कि चेतावनी थी—एकदम स्पष्ट और दृढ़।

इस अहम बैठक में एसपी मनीष त्रिपाठी, एडीएम नरेश बुनकर, एसीएफ श्रीकिशन, एसएमई अनिल खमेसरा, एमई प्रथम जिनेश हुमड़, एमई द्वितीय ललित बाछरा, एएमई अधिकारीगण, परिवहन अधिकारी अभिजीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

हर सप्ताह दो बार दबिश, औचक निरीक्षण अनिवार्य

कलक्टर ने निर्देश दिए कि खान, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें हर सप्ताह कम से कम दो बार औचक निरीक्षण करें। सिर्फ जुर्माने से बात नहीं बनेगी—अब एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। जिले में अवैध खनन को लेकर ‘जीरोटॉलरेंसनीति’ लागू होगी।उन्होंने कहा कि सिर्फ चेतावनी देना काफी नहीं, अब कार्रवाई ज़रूरी है। शिकायत आए तो उसकी तह तक जाकर निष्पक्ष और निष्कलंक जांच होनी चाहिए। “वाहनों की आकस्मिक चेकिंग हो, सूचना तंत्र मजबूत बनाया जाए और हर दबिश प्रभावशाली होनी चाहिए,” उन्होंने जोड़ा।

चंद्रभागा नदी पर उठे सवाल, अधिकारी की जवाबदेही तय

चंद्रभागा नदी में हाल ही में सामने आए अवैध खनन मामलों की समीक्षा करते हुए कलक्टर ने नाराज़गी जाहिर की। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मौके पर जाकर तात्कालिक और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “शिकायत को हल्के में लेना अब भारी पड़ सकता है।”

“सिर्फ लीज़ नहीं, कार्रवाई भी दिखनी चाहिए”

कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के सभी एमई अधिकारी कम से कम 20 खनन लीज़ का निरीक्षण करें और हर संदिग्ध गतिविधि पर रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि खान विभाग केवल जुर्माने से काम न चलाए, बल्कि अवैध खनन करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करवाना अनिवार्य बनाया जाए। परिवहन विभाग को भी साफ-साफ निर्देश दिए गए—अवैध खनन सामग्री ले जा रहे या ओवरलोड वाहनों के लाइसेंस और आरसी को नियमों के तहत रद्द किया जाए।

पहाड़ों पर हो रहा कटाव? अब नहीं बचेगा कोई!

पहाड़ों की कटाई की शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाते हुए कलक्टर ने कहा कि जिले के किसी भी हिस्से में अगर पहाड़ों पर अवैध खनन की सूचना मिले तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। “कोई भी अवैध गतिविधि अब बर्दाश्त नहीं होगी,” उन्होंने दोहराया।

एसपी ने भी भरी हुंकार – पुलिस रहेगी अलर्ट मोड में

एसपी मनीष त्रिपाठी ने भरोसा दिलाया कि पुलिस विभाग अवैध खनन के खिलाफ पूरी गंभीरता से कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि खनन माफिया को पनपने नहीं दिया जाएगा, और हर सूचना पर तुरंत हरकत में आया जाएगा।

वन क्षेत्र में भी कटाई पर लगाम – लकड़ियों की तस्करी पर सख्ती

बैठक के दौरान वन विभाग के अधिकारियों से भी सवाल-जवाब हुए। कलक्टर ने निर्देश दिए कि वन क्षेत्र और गैर-वन क्षेत्र दोनों जगहों पर अवैध लकड़ी कटाई की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जाए। “वन विभाग को भी औचक निरीक्षण करने होंगे और संदिग्ध वाहनों की चेकिंग करनी होगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।

एकजुट प्रशासन, एक लक्ष्य – अवैध खनन मुक्त राजसमंद

कलक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से एकजुट होकर अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाएगा। "अब न कोई बहाना चलेगा, न कोई ढील। संलिप्त कोई भी हो – कार्रवाई हर हाल में तय है," उन्होंने स्पष्ट किया।

आगे क्या?

  • जिले के सभी ब्लॉकों में बनेगी खनन निगरानी टीम
  • गुप्त सूचना तंत्र को और मज़बूत किया जाएगा
  • हर महीने होगी समीक्षा बैठक, रिपोर्ट कार्ड से तय होगी अधिकारियों की दक्षता
  • अवैध खनन की रोकथाम के लिए स्कूली स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रम होंगे