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खंडहर भवन में डूब गए 17 लाख

भीम व देवगढ़ उपखंड कार्यालय के लिए 17 लाख में वर्षों से पहले बने भवन अब खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।

राजसमंदFeb 22, 2016 / 11:39 pm

मुकेश शर्मा

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राजसमंद।भीम व देवगढ़ उपखंड कार्यालय के लिए 17 लाख में वर्षों से पहले बने भवन अब खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। भीम में सार्वजनिक निर्माण विभाग से हस्तान्तरण के बावजूद दफ्तर शिफ्ट नहीं हो पाया है, जबकि देवगढ़ में तो पांच साल से भवन पीडब्लूडी से उपखंड कार्यालय को हस्तान्तरण तक नहीं हो पाया है। इसके चलते पुराने तंग जगह पर चल रहे दफ्तरों में न सिर्फ कार्मिकों के लिए मुश्किल हो रही है, बल्कि आमजन भी परेशान है। दोनों महकमों की आपसी खींचतान व उदासीनता के चलते लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए भवनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। असामाजिक तत्वों के बसेरे के चलते खिड़की, दरवाजे, नल की टोटियां व विद्युत वायरिंग तक चोरी हो रही है, मगर न तो निगरानी की कोई व्यवस्था की गई और न ही दफ्तर नए भवन में स्थानान्तरण की कोई योजना है। देवगढ़ व भीम के उपखंड अधिकारियों की बेपरवाही के चलते सरकार द्वारा खर्च लाखों रुपए बेकार होकर रह गए हैं।

हस्तान्तरण ही नहीं

उपखंड कार्यालय देवगढ़ के भवन निर्माण के लिए सरकार से 15 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के ठेकेदार पर तारूसिंह टाटगढ़ द्वारा 10 लाख 98 हजार 593 रुपए खर्च कर 26 फरवरी 2011 को ही निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया। उसके बाद पीडब्लूडी देवगढ़ के सहायक अभियंता, भीम अधिशासी अभियंता, राजसमंद अधीक्षण अभियंता के साथ जिला कलक्टर तक ने नवनिर्मित भवन हस्तान्तरण के लिए उपखंड अधिकारी को कई पत्र लिख दिए, मगर भवन लेने में टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है।


निर्माण की गुणवत्ता पर बवाल, खींचतान से नुकसान

दूरी का बहाना
भीम उपखंड कार्यालय का भवन नंदावट गांव में बनाया गया है, जो भीम से करीब तीन किमी. दूर है। भीम से नंदावट तक आवाजाही की सुविधा न होने के बहाने उपखंड प्रशासन द्वारा दफ्तर शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। अगर भीम से दूर है, तो इतनी दूर जमीन ही क्यों आवंटित की गई और अब बन गया है तो दफ्त शिफ्टिंग में बहानेबाजी क्यों बरती जा रही है। प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर इसका खमियाजा सरकार को ही भुगतना पड़ रहा है।

सरकार तक पुकार

देवगढ़ में करीब 11 लाख रुपए खर्च होकर बना भवन हस्तान्तरण न होने व पांच साल से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं बनने पर महा लेखा परीक्षक जयपुर ने इसे अनियमितता के दायरे में ले लिया। गंभीर लापरवाही मानते हुए मुख्य अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग जयपुर को रिपोर्ट भेज दी गई है। इसी तरह भीम उपखंड कार्यालय के शिफ्ट नहीं होने का मामला भी विधानसभा तक पहुंच गया है।

विभागों में नहीं तालमेल

देवगढ़ उपखंड कार्यालय भवन निर्माण में गुणवत्ता ठीक न होने व अधूरे कार्य की बात को लेकर प्रशासन व सार्वजनिक निर्माण विभाग के बीच खींचतान के हालात बने हुए हैं। दोनों महकमों के आपसी तालमेल के चक्कर में पांच साल से कार्य का उपयोगिमा प्रमाण पत्र तक नहीं बन पाया है। अब तक यह तय नहीं हो सका है कि आखिर क्या कार्य अधूरा है और क्या पूरा। दोनों ही महकमों ने एक दूसरे को कई पत्र लिख दिए,, मगर एक साथ बैठकर समस्या सुलझाने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही जिला प्रशासन गंभीर है।



खंडहर हुआ भवन

 भवन वर्षों पहले बना, अभी खंडहर है, जहां दफ्तर शिफ्ट कैसे करें। कोई सुविधा नहीं। ठीक करवाकर कोई उचित निर्णय लेंगे।
एनके जैन, उपखंड अधिकारी भीम

निर्माण कमियां

 भवन के निर्माण में कई कमियां है, जिसे पूरा करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को पहले ही लिखा हुआ है। कमियां पूर्ण होने जल्द भवन हस्तान्तरण की कार्रवाई करेंगे।
गोविंदसिंह, एसडीएम देवगढ़ भवन तैयार, अब प्रशासन जाने
 नंदावट में उपखंड कार्यालय का भवन दस साल पहले ही बन गया। हस्तान्तरण भी तभी हो गया था। अब हमारे विभाग का कोई रोल नहीं। उपखंड प्रशासन जब चाहे, तब शिफ्ट करें।
केसराम मीणा, सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग भीम
हस्तान्तरण नहीं
 देवगढ़ में उपखंड कार्यालय का भवन बन गया। इसके हस्तान्तरण के लिए कई बार पत्र लिख दिया। फिर भी प्रशासन द्वारा भवन हैंडओवर नहीं किया जा रहा है।
अशोक कुमार, सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग देवगढ़

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