23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान के इस डिपो के लिए यह हुआ अच्छा काम, लेकिन फिर भी नहीं पड़ेगा फर्क…पढ़े पूरा मामला

राजसमंद डिपो की अधिकांश बसें पुरानी होने के कारण संचालन मुश्किल हो रहा है। निगम की ओर से पांच बसें भरतपुर डिपो की पांच बसें मिली है, लेकिन इसके बावजूद कुछ फर्क नहीं पड़ा है। सिर्फ ब्रेकडाउन बसों की संख्या में कमी आएगी।

2 min read
Google source verification

रोडवेज बस में बैठने के लिए उमड़ी भीड़

राजसमंद. राजसमंद डिपो को भरतपुर डिपो की 2020 की पांच बसें मिली है। गत दिनों दो नई बसें भी मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि इससे बसों की संख्या में और शेड्यूल में कोई इजाफा नहीं होगा, सिर्फ बसों के ब्रेकडाउन में कमी आने की उम्मीद है। डिपो को नई बसें मिलने के बाद ही राहत मिलेगी। राजस्थान रोडवेज में प्रतिदिन हजारों लोग सफर करते हैं, लेकिन रोडवेज बसों की नियमित खरीद नहीं होने के कारण बसों की स्थित बेहद खराब होती जा रही है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर बसों की खरीद शुरू की गई है। इसके तहत राजसमंद डिपो को दो नई बसें पहले ही मिल चुकी है। अब भरतपुर डिपो की 2020 के मॉडल की पांच बसें दी है। इससे डिपो संचालन में मदद मिलेगी। डिपो की बसें कंडम होने के कारण ब्रेक डाउन अधिक हो रही थी। स्थिति यह थी कि एक ही दिन में दो-तीन बसें तक ब्रेकडाउन होने के कारण डिपो का संचालन मुश्किल हो गया था। ऐसे में अब पांच 2020 के मॉडल बसें और दो नई बसें मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी।

2013 की 11 बसें कंडम, फिर भी दौड़ रही

रोडवेज के अनुसार 17 बसें 2017 मॉडल, 2 बसें 2020 मॉडल, 12 बसें 2013 मॉडल की है। आठ साल या आठ लाख किलोमीटर चली बसों को कंडम मानकर उन्हें ऑफ रूट कर दिया जाता है। ऐसे में राजसमंद डिपो की 11 बसें करीब 11 साल पुरानी और 12-13 लाख किमी चल चुकी है। भरतपुर डिपो की बसें मिलने पर पांच कंडम बसों को ऑफ रूट किया जाएगा। इससे बसों की संख्या 30 ही रहेगी।

15-20 बसें मिले तो बनें बात

डिपो में पहले 41 बसें होती थी, लेकिन अब यह 30 ही रह गई है। इसके कारण शेड्यूल आदि भी कम हो गए हैं। उन्हें बढ़ाए जाने के लिए बसों की आवश्यकता है। ऐसे में डिपो की आय बढ़ाने के लिए 15-20 बसों की और आवश्यकता है। इनके मिलने के बाद ही डिपो संचालन में आसानी होगी और आमजन को भी राहत मिलेगी।

पांच बसें मिली, 30 शेड्यूल संचालित

भरतपुर डिपो की पांच बसें कुछ दिनों पहले ही मिली थी। इससे ब्रेक डाउन की संख्या में कमी आएगी। डिपो की अधिकांश बसें 2013 की है। पांच कंडम बसों को ऑफ रूट किया जाएगा।

  • महेश उपाध्याय, चीफ मैनेजर राजसमंद डिपो

चील के रूप में आई माता के संकेत पर सवंत 1818 में हुआ करणी माता मंदिर का निर्माण