गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जो कागजात आज़म अब्दुल्ला खान (Abdullah Azam Khan) ने निर्वाचन आयोग में जमा कराए थे। उसी की शिकायत पूर्व विधायक काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने कोर्ट में की थी। कोर्ट ने उनकी शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए केस पंजीकृत कर अब्दुल्ला आज़म को समन जारी किया था। लेकिन नावेद काजिम अली खान तो तारीख पर आए, लेकिन अपना पक्ष रखने के लिए सपा विधायक आज़म अब्दुल्ला नहीं आये, जिसको लेकर अब बहस 9 अगस्त को होगी।
सपा सांसद आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म ने बीते 2017 का विधान सभा चुनाव लड़ा था। वह स्वार टांडा से जीतकर विधायक बन गए, पर जिन्हें हराया वह काजिम अली खान थे। इसके बाद नवाब काजिम अब्दुला की ओर से चुनाव आयोग में जमा कराए गए प्रपत्रों की जांच कराने के लिए अफसरों के यहां गए। पर उन्हें कोई कामयाबी इस लिए नहीं मिली, क्योंकि तब सत्ता सपा की थी और आजम खान कद्दावर मंत्री थे। इसलिए नावेद काजिम अली खान ने आज़म खान के बेटे के मामले को लेकर हार नहीं माने और सत्ता बदलने के बाद मामले की शिकायत कोर्ट में कर दी। कोर्ट ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए केस दर्जकर अब्दुल्ला आज़म को कोर्ट में तलब किया। पर वह कोर्ट नहीं आये, जबकि शिकायतकर्ता नावेद मियां उर्फ काजिम अली खान बुधवार को कोर्ट पहुंचे, लेकिन एक पक्ष के नहीं आने से मुद्दे पर बहस नहीं हुई।