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देखें वीडियो : एमपी के इन कलेक्टर ने माफिया की कमर तोडऩे जारी किया हेल्पलाइन नंबर

मध्यप्रदेश के रतलाम में कई तरह की माफिया की कमर तोडऩे के काम हो रहे है। अब इसमे आगे बढ़कर रतलाम कलेक्टर ने एक और माफिया की कमर तोडऩे के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसमे शिकायत करने वाले माता - पिता या स्कूल के बच्चों के नाम व मोबाइल नंबर गोपनीय रखे जाएंगे।

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Collector released helpline number to break the back of mafia

Collector released helpline number to break the back of mafia

रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम में कई तरह की माफिया की कमर तोडऩे के काम हो रहे है। अब इसमे आगे बढ़कर रतलाम कलेक्टर ने एक और माफिया की कमर तोडऩे के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसमे शिकायत करने वाले माता - पिता या स्कूल के बच्चों के नाम व मोबाइल नंबर गोपनीय रखे जाएंगे। रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इस बात की जानकारी patrika.com को दी है।

यहां बिकती है किताब

बता दे कि रतलाम के दो बत्ती, टीआईटी रोड, राममंदिर रोड, अलकापुरी, घांसबजार में तयशुदा दुकान से ही निजी स्कूल की किताबों की बिक्री की जाती है। इसके लिए पहले के समय में स्कूल से पर्ची दी जाती थी, अब बदलाव करते हुए निजी स्कूल के शिक्षक दुकान का नाम बता देते है। इसके बाद पालक को उसी दुकान से किताब लेने की मजबूरी रहती है। इस बार इन दुकानों की कमर तोडऩे के लिए सरकारी कर्मचारियों को भी भेजा जाएगा। इससे यह साबित हो जाएगा कि दुकानदार ये लेकर स्कूल संचालक मनमानी कर रहे है या नहीं।

मनमानी सामने आने लगी

रतलाम में निजी स्कूलों में शिक्षा सत्र शुरू होते ही स्कूलों की मनमानी सामने आने लगी है। इस पर रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कड़ा आदेश जारी किया है। निजी स्कूलों की मोनोपाली खत्म करने और उनकी मनमानी फीस, निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने और ड्रेस, बैल्ट टाई आदि को लेकर चल रहे निजी स्कूलों के खुद के नियमों पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने कड़े निर्देश जारी कर दिए है। इन निर्देशों का अनिवार्यत पालन करना अनिवार्य किया गया है। ऐसा नहीं होने की दशा में निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि यह आदेश एमपी बोर्ड और सीबीएसई मान्यता प्राप्त दोनों ही तरह के स्कूलों पर लागू होंगे।

पहले समझाएंगे प्यार से

रतलाम कलेक्टर ने से कहा कि जो जैसी भाषा समझेगा, उसको उस भाषा में समझाया जाएगा। पहले स्कूल संचालकों की बैठक ली जाएगी व प्यार से समझाएंगे, समझ आ गया तो बेहतर रहेगा, नहीं तो अब सभी को पता चल गया है कि माफिया की कमर तोडने के लिए हमारी जेसीबी हमेशा तैयार रहती है।

बगैर मंजूरी लागू नहीं

कलेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि संस्था में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व संस्था में प्रचलित होने वाली पाठ्यपुस्तकों से पालक शिक्षक संघ से मंजूरी कराकर इसकी सूची मय पुस्तकों के मूल्य सहित स्कूल के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए लगाई जाना होगी। इसकी एक प्रति जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करते हुए इसकी प्रविष्ठि एज्युकेशन पोर्टल पर की जाएगी।

कोई संस्था बाध्य नहीं करें

संस्था अपने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को पुस्तके, कापियां, यूनिफार्म, टाई, बैल्ट, जूते एवं अन्य सामग्री किसी एक दुकान/विक्रेता/संस्था विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर पाएगा। जिन संस्थाओं के पास बच्चों के परिवहन की सुविधा है। वे संस्थाएंं वाहन परिचालन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के 18 बिन्दुओं के निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।

वाहन शुल्क का खुलासा जरुरी

विद्यार्थियों से इसके लिए कितना शुल्क लिया जा रहा है तथा इसके समस्त बिन्दुओं की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल उपलब्ध कराई जाए। शाला छोडऩे का प्रमाणपत्र देने के लिए भी विद्यार्थियों या अभिभावकों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। आवेदन प्राप्त होते ही उसे तत्काल प्रमाणपत्र दें। विद्यार्थी का आधार एवं समग्र आईडी नंबर अवश्य अंकित किया जाये।

यह है हेल्पलाइन नंबर

रतलाम कलेक्टर ने बताया किसी स्कूल में नियम टूट रहे है तो पालक बगैर भय के वाट्सएप नंबर 9329308361 नंबर पर शिकायत भेजी जा सकती है। शिकायत को सबूत के साथ भेजना होगा। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी। अच्छी बात यह रहेगी कि शिकायत करने वाले के नाम का खुलासा नहीं किया जाएगा।