रतलाम के साथ ही मंदसौर और नीमच के सायबर अपराधों को ट्रेस करने में होगी सहुलियत
रतलाम।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रतलाम रेंज की सायबर फोरेंसिक यूनिट की स्थापना शनिवार को कर दी गई। पहले यूनिट के लिए पुराने एसपी कार्यालय का चयन किया था किंतु सुरक्षा की दृष्टी से इसे नए एसपी कार्यालय में ही स्थापित किया गया है। एसपी तिवारी ने बताया डीआईजी रतलाम रेंज सुशांत कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में नए एसपी कार्यालय रतलाम में इसकी स्थापना की गई है। यूनिट ने शनिवार से काम शुरू कर दिया है जिसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।
तीन जिलों का होगा काम
सायबर फारेंसिक यूनिट में रतलाम, नीमच व मंदसौर जिले से संबंधित सायबर फोरेंसिक कार्य किए जाएंगे। बढ़ते सायबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे। प्रदेश में केवल भोपाल में ही सायबर फोरेन्सिक लैब थी। रतलाम यूनिट में मुख्यालय से एसआई अनिल डावर और आरक्षक मयंक व्यास को पदस्थ किया गया है। इससे सायबर अपराधों पर नियंत्रण करने में काफी आसानी हो सकेगी।
इनमें होगी मदद
सायबर फोरेन्सिक लैब नहीं होने से किसी मोबाइल या कम्प्यूटर के डिलीट किए गए डाटा को फिर से हासिल करना या डाटा से की गई छेड़छाड का पता लगाना बेहद मुश्किल था। इसके लिए उपकरणों को भोपाल भेजना पड़ता था। अब प्रदेश के प्रत्येक रेंज मुख्यालय पर सायबर फोरेन्सिक लैब स्थापित होने से रैंज में ही मोबाइल और कम्प्यूटर जैसे डिजीटल उपकरणों की क्लोनिंग, इमेजिंग, जांच और टाडा रिट्रिव किया जा सकेगा।
13 जिलों में बनी यह यूनिट
लैब प्रारंभ हो जाने से मोबाईल और कम्प्यूटर जैसे डिजीटल उपकरणों की क्लोनिंग, इमेजिंग, डाटा रिट्रिव करने जैसे कार्य अब रतलाम में ही किए जा सकेंगे। इस तरह की सायबर फोरेन्सिक लैब रतलाम के साथ साथ इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, चम्बल, रीवा, बालाघाट, शहडोल, छिंदवाडा, खरगोन, सागर और होशंगाबाद में भी स्थापित की गई है।