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अंगद के पांव की तरह जमे हैं रेलवे में कार्मिक, इनके लिए कोई नियम नहीं

रेलवे में चहेतों को हर बार बचा लेते है कार्मिक विभाग के अधिकारी

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अंगद के पांव की तरह जमे हैं रेलवे में कार्मिक, इनके लिए कोई नियम नहीं

अंगद के पांव की तरह जमे हैं रेलवे में कार्मिक, इनके लिए कोई नियम नहीं

रतलाम. कहने को भले तीन साल में एक बार टेबल बदलने का नियम रेलवे में हो, लेकिन इसका रेल मंडल के कार्मिक विभाग में पालन नहीं हो रहा है। हाल ही में 27 कर्मचारियों की तबादला सूची जारी हुई, उसके बाद से रेल संगठनों में गुस्सा अधिक है। इसकी वजह कुछ ऐसे कर्मचारी बताए जा रहे हैं जिनको एक ही टेबल से 5 से लेकर 15 वर्ष तक हो गए हैं। यातायात, मैकेनिकल, बिल्स आदि कई शाखाओं में वर्षो से कर्मचारी एक ही टेबल पर पर पदस्थ है। इनको तीन वर्ष में बदलाव वाले नियम में भी नहीं बदला जा रहा है।

ये पदस्थ है एक ही टेबल पर

रेल संगठनों के अनुसार पल्लवी मीना, अनिल श्रीवास्तव, संतोष सिंहा, अर्जुन सिंह, ममता वर्मा, अब्दूल मुजीब कुरैशी, विजय बाबले, सीपी पांडे, तनूजा, मिलिंद सर्राफ, एचके बारगे, सुनील भार्गव, रमेश पानसे, गोपाल भाटी आदि नाम शामिल है जो एक ही टेबल पर वर्षो से पदस्थ हैं।ये है रेलवे बोर्ड के नियम

रेलवे बोर्ड के कार्मिक विभाग के नियम अनुसार रेलवे का ऐसा कर्मचारी जो सीधे ठेकेदार के या जनता से जुडे़ काम का कार्य कर रहा हो, उसकी टेबल हर तीन वर्ष में बदलना जरूरी है। लेकिन बोउर् के इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। अब रेल संगठन ही इस मामले को उठा रहे है।

भेदभाव किया जा रहा

कार्मिक विभाग तबादलों में भेदभाव कर रहा है। जो वर्षो से एक ही टेबल पर है, उनको नहीं हटाया जा रहा है। इस मामले में डीआरएम को भी सूचना दी है।

- सुजीत शर्मा, प्रवक्ता पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद

नियम अनुसार कार्रवाई हो

रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन अनुसार ऐसे विभाग जहां सीधे जुड़ाव जनता से या ठेकेदार से हो, वहां कर्मचारी की टेबल बदलने का नियम लागू है। कई विभाग में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया जा रहा है।

- पीएन वर्मा, मंडल मंत्री, रेलवे एससीएसटी एसोसिएशनसमीक्षा की जाएगी

प्रशासनिक स्तर पर मंडल में तबादले किए जाते हैं। अगर कोई कर्मचारी अधिक समय तक एक ही टेबल पर है और वो जनता से जुडे़ मामले देखता है तो इसकी समीक्षा की जाएगी।- खेमराज मीणा, मंडल रेलवे प्रवक्ता