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यह है मस्टर पर रखने का नियम
असल में जब नगर निगम में किसी कर्मचारी को मस्टर पर रखा जाता है तो परिषद होने की स्थिति में मेयर इन कौसिंल द्वारा मंजूरी दी जाती है। इस समय जब एमआईसी नहीं है तो इसके लिए निगम के प्रशासक द्वारा मंजूरी दी जाना जरूरी होता है। बड़ी बात यह है कि निगम में कर्मचारी को स्वास्थ्य विभाग में रख लिए गए, लेकिन इसके लिए प्रशासक से मंजूरी नहीं ली गई। यहां तक की दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी धर्मेंद्र चौहान ने तो अपने बेटे को ही नौकरी पर रख लिया था।
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बगैर मंजूरी के इन्हें रखा गया था काम पर
बता दें कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में नियमों को ताक पर रखकर बगैर मंजूरी के कर्मचारियों की नियु्क्ति की गई थी और इस मामले में पत्रिका ने अक्षित चौहान, संदीप किशनलाल, दीपक मदनलाल, विष्णु ईश्वर, उषा राजू, रवि किशनलाल, विजय राजेश, सुनील रमेश, राजेंद्र लालसिंह, दिनेश श्यामलाल, गौरव ओमप्रकाश के नाम उजागर किए थे। लेकिन बाद में जांच के दौरान और भी कई नाम सामने आए थे जिन्हें इसी तरह से काम पर रखा गया था इनमें विजय बाबुलाल, दौलत राजेश, विजय राजेश, संदीप कैलाश, घनश्याम नंदकिशौर, बॉबी धरमपाल, धर्मा राजू, मयंक विजय, आकाश कुंदन, लक्ष्मीनारायण राजू, पंकज रमेश, लेखराज राजू, विकास गोरधन, अंकित प्यारेलाल, धीरज अशोक, सुमित अनील, अभिषेक विनोद, मुकेश दिनेश, कृष्णा अशोक, सुमित जमनालाल, वीरेंद्र शिवपाल, रतन दिलीप, रोहित दिलीप, तेजकिरण देवकरण, विक्रम कुंदन, अमित अनीज, करण संजय, नरेश सोहन, संदीप मुन्ना का नाम शामिल है।
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इनकी शिकायत पर हो रही जांच
पूरे मामले में मध्यप्रदेश महावाल्मीकि पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष राहुल निंधाने ने संभाग आयुक्त को सबूत के साथ शिकायत की। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर को भी इसकी कॉपी दी। इसके बाद ही संभाग आयुक्त कार्यालय से जांच को कहा गया है। राहुल निंधाने का कहना है कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से मस्टर पर कर्मचारियों को रखनेके मामले में गड़बड़ चल रही है। पूर्व में पत्रिका की खबर के बाद विभागीय अधिकारी के वेतन वृद्धि को रोका गया है। जबकि हमारी मांग है कि व्यापक स्तर पर आर्थिक गड़बड़ी को देखते हुए निलंबन व बर्खास्तगी की कार्रवाई होना चाहिए। वहीं आयुक्त नगर निगम सोमनाथ झारिया ने कहा है कि नगर निगम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी कोई करे, उसको बक्शा नहीं जाएगा। पूर्व के मामलों में भी गड़बड़ी सामने आने पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में भी सख्त जांच होगी व गड़बड़ी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
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