कोर्ट ने कहा, विस्तृत सुनवाई के बाद तथ्यों पर आधारित आदेश दिया है, सरकार जो जवाब दे तथ्यों पर आधारित हो। सीजे प्रदीप नन्द्राजोग, जज संगीत लोढ़ा व जज अरुण भंसाली की वृहदपीठ ने पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के पत्र के आधार पर दर्ज याचिका व अन्य पर सुनवाई की। कोर्ट अब इस मामले में ग्रीष्मावकाश के बाद ३ जुलाई को सुनवाई करेगा। एसजी नरसिम्हन ने अपराह्न साढे तीन बजे सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट की ओर से जारी कुछ निर्देशों की पालना में असमर्थता जताई थी। वहीं कोर्ट के निर्देश जारी करने से पहले जो कार्य हो चुके है, उनके लिए राहत दी जाए।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण मामला ही हाईकोर्ट को भेज दिया, लेकिन यह छूट दी कि समस्या हाईकोर्ट के माध्यम से ही सुलझाएं। प्रदेश के छह बड़े शहरों के मास्टर प्लान से जुडे इस मामले में नरसिम्हन ने यह भी कहा कि इस मामले में आदेश देते समय न्यायपालिका ने कार्यपालिका को टेकओवर कर लिया। इससे सरकार के सभी कार्य ठप हो गए हैं। कोई एेसी स्थिति निकालनी होगी कि सभी कार्य सुचारू रूप से जारी रहे। कोर्ट सरकार को निर्देशों की पालना करने के लिए कुछ समय दें।
प्राधिकरणों को जोनल प्लान बनाने को कहाएएसजी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में तीन शहरों
जयपुर ,
जोधपुर व
अजमेर में विकास प्राधिकरण बने हुए हैं। इन तीनों को जोनल प्लान बनाने को कह दिया गया है तथा उन्होंने बनाना शुरू भी कर दिया है। अन्य शहरों के विकास न्यास में भी जोनल व सेक्टर प्लान बनाने का प्रयास कर रहे हैं।