
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 16 जून 2023 को
Ashadha Masik Shivratri 2023: आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून शुक्रवार को हो रही है। इस तिथि की शुरुआत सुबह 08.39 बजे से हो रही है और यह तिथि 17 जून शनिवार को सुबह 09.11 बजे संपन्न हो रही है। प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन निशितकाल पूजा का विशेष महत्व होता है और निथितकाल 16 जून को पड़ रहा है। इसलिए 16 जून शुक्रवार को ही मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाएगा।
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त 2023
आचार्य पाण्डेय के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह और शाम दोनों समय भगवान शिव की पूजा की जाती है। शुक्रवार को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05.23 बजे से सुबह 10.37 बजे तक है। इसके अलावा दोपहर उत्तम मुहूर्त 12.22 बजे से 02.07 बजे तक पूजा का समय है। इसके अलावा रात में पूजा लाभ-उन्नति मुहूर्त में 09.51 बजे से रात 11.07 बजे तककी जा सकती है। वहीं निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात 12.02 बजे से 12.42 बजे तक की जाएगी।
ऐसे करें मासिक शिवरात्रि की पूजा
1. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
2. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
3. भगवान शिव के सामने पूजा स्थल पर दीप जलाएं।
4. घर के पूजा स्थल पर शिवलिंग है तो दूध और गंगाजल से अभिषेक करें या उनकी प्रतिमा पर हल्का सा गंगाजल छिड़क दें।
5. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, फल फूल अर्पित करें।
6. पूजा करते समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
7. भगवान शिव को भोग लगाएं, उनकी आरती करें और पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगें।
8. शाम को फिर स्नान ध्यान के बाद भगवान की पूजा करें और मंत्रों का जाप करें, आरती उतारें।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मान्यता है कि आषाढ़ मासिक शिवरात्रि के दिन विधि विधान से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। यह भी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखने और पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इससे भगवान समस्याओं से मुक्ति देते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्ग, शिव लोक की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायक माना जाता है।
Updated on:
10 Jun 2023 06:06 pm
Published on:
10 Jun 2023 06:04 pm
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