
Neem Karoli's Dham: नैनीताल के कैंची धाम स्थित हनुमान मंदिर, आज किस्मत बनाने वाले करोली बाबा के नाम से विश्व भर में विख्यात है। दरअसल नीम करोली बाबा की महिमा न्यारी है। भक्तजनों की माने तो बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि बाबा के बनाए सारे मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। नीम करोली धाम को बनाने के संबंध में कई रोचक कथायें प्रचलित हैं।
बताया जाता है कि 1962 में जब बाबा ने यहां की जमीन पर अपने कदम रखे थे तो जनमानस को अपने चमत्कारों से आश्चर्यचकित कर दिया था। एक कथा के अनुसार के अनुसार 15 जून को आयोजित, विशाल भंडारे के दौरान घी कम पड़ गया था। तब बाबा के आदेश पर पास की नदी का पानी कनस्तरों में भरकर प्रसाद बनाया जाने लगा।
प्रसाद में डालते ही पानी अपने आप आप घी में बदल गया। इस चमत्कार से भक्त जन नतमस्तक हो गए। तभी से उनकी आस्था और विश्वास नीम करोली बाबा के प्रति बना है। नीम करोली बाबा का यह आश्रम आधुनिक जमाने का धाम है। यहां मुख्य तौर पर भगवान हनुमान जी की पूजा होती है। इस जगह का नाम कैची यहां सड़क पर दो बड़े जबरदस्त हेयरपिन बैंड मोड़ के नाम पर पड़ा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सन 1964 में आगरा के पास फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा (असली नाम यहाँ तपस्या करने आए थे। उन्हीं के प्रयासों से इस मंदिर का उद्धार हुआ था। बताया जाता है की फर्रूखाबाद के गांव नीम करौली में उन्होंने कठिन तपस्य़ा की थी जिस कारण वे बाबा नीम करौली कहलाने लगे।
कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर स्थित है। 24 मई 1962 को बाबा ने पावन चरण उस भूमि पर रखे, जहां वर्तमान में कैंची मंदिर स्थित है। 15 जून 1964 को मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की प्रतिष्ठा की गई और तभी से 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मंदिर चारों ओर से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और मंदिर में हनुमान जी के अलावा भगवान राम एवं सीता माता तथा देवी दुर्गा जी के भी छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं। किन्तु कैंची धाम मुख्य रूप से बाबा नीम करौली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आने पर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं के हल प्राप्त कर सकता है।
चमत्कारों से भरा है बाबा का धाम
बाबा नीम करौली धाम पर कई चमत्कारी कथाएं विख्यात है। वहीं एक चमत्कारिक कथा के अनुसार माता सिद्धि व तुलाराम शाह के साथ बाबा नीम करौली महाराज किसी वाहन से जनपद अल्मोड़ा के रानीखेत नामक स्थान से नैनीताल को आ रहे थे, तो अचानक वे कैंची धाम के पास उतर गए। इस बीच उन्होंने तुलाराम जी को बताया कि श्यामलाल अच्छा आदमी था, उन्हें यह बात अच्छी नहीं लगी, क्योंकि श्यामलाल जी उनके समधी थे। भाषा में 'था' शब्द के उपयोग से वे बेरुखे हो गए।
खैर किसी तरह मन को काबू में रखकर वे अपने गंतव्य स्थल को चल दिए। बाद में उन्हें जानकारी मिली कि उनके समधी का हृदय गति रुकने से देहांत हो गया। कितना अलौकिक दिव्य चमत्कार था बाबा नीम किरौली महाराज का कि उन्होंने दूर घटित घटना को बैठे-बैठे जान लिया इस तरह की अनेक चमत्कारिक घटनाएं बाबा नीम करौली महाराज जी से जुड़ी हुई है।
वहीं एक अन्य चमत्कारिक घटाना जिसमें से एक भंडारे की भी है। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची दाम kainchi dham ashram में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में चल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने के लिए जब उपयोग किया गया। तब उस कनस्तर में पानी घी में बदल गया।
इतना ही नहीं, माना जाता है कि बाबा नीब करौरी neem karoli baba अपने भक्तों से बहुत प्यार करते थे। इसलिए एक बार अपने भक्तों को धूप से बचाने के लिए बाबा ने बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया।
ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। इस तरह एक नहीं अनेक कथाएं जुड़ी हुई है बाबा नीम करौली महाराज से। neem karoli baba नीम करौली बाबा kainchi dham ashram को कैंची धाम बहुत प्रिय था। प्राय: हर गर्मियों में वे यहीं आकर निवास करते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। इस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियां भी हैं।
भक्तजनों की मानें तो बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि बाबा के बनाए सारे मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। नीम करौली धाम को बनाने के संबंध में कई रोचक कथाएं प्रचलित हैं।
वहीं एक बार बाबा नीम करौली महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाया। बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं।
इसी तरह 15 जून 1991 को घटी एक चमत्कारिक घटना के अनुसार कैंची धाम में आयोजित भक्तजनों की विशाल भीड़ में बाबा ने बैठे-बैठे इसी तरह निदान करवाया कि जिसे यातायात पुलिसकर्मी घंटो से नहीं करवा पाए। थक-हार कर उन्होंने बाबा जी की शरण ली। आख़िरकार उनकी समस्याओं का निदान हुआ। यह घटना आज भी खास चर्चाओं में रहती है।
बड़ी-बड़ी हस्तियां भी बाबा के आगे झूकी
बाबा के हजारों- लाखों भक्त हैं। लेकिन भक्तों में बाबा के पास सिर्फ आम आदमी ही नहीं आए। इस पावन धाम पर अरबपति से लेकर खरबपतियों ने शीष झुकाया है। जिसका कारण है इस धाम की चमत्कारी शक्तियां। जो पूरी दुनिया में मशहूर है। जिसके चलते सभी लोग यहां खिंचे चले आते है।
बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिच्रर्ड एलपर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।
Updated on:
31 Oct 2022 08:27 pm
Published on:
31 Oct 2022 08:23 pm
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