Premananda Maharaj Pravachan: आज का जमाना तेजी से बदल रहा है, न नजदीकी बढ़ने में देर लगती है और न करीबी खत्म होने में। व्यक्ति को न तो एक दूसरे पर भरोसा है और न ही एक दूसरे की इज्जत। ऐसे में आए दिन कभी लड़के लड़कियों का दिल टूटने के बाद खुद को या दूसरे पर हमला करने के किस्से सामने आते (Dil Todne Wale Ke Sath Kya Kare) हैं तो कभी गुस्से, अहंकार या किसी स्वार्थ के कारण पुरानी से पुरानी दोस्ती खत्म होनी की घटनाएं घटती हैं।
ऐसे में इन रिश्तों को कैसे संभालें और धोखेबाज को लेकर क्या करें, इसका सवाल एकांतिक वार्तालाप में उठा तो प्रेमानंद जी महाराज ने प्रवचन में जो सलाह दी, वह वायरल हो रहा है। क्या दिल तोड़ने वाले को माफ करना चाहिए, सुधार का अवसर मांगे और सन्मार्ग पर आने की बात कहे तो क्या अवसर देना चाहिए, इस पर क्या कहते हैं प्रेमानंद जी महाराज, जो वायरल हो रहा है।
प्रवचन में संत प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि हां जो सन्मार्ग पर आने का अवसर मांगता है, उसे एक अवसर देना चाहिए। क्योंकि गलती सबसे हो सकती है। कभी-कभी अच्छे लोगों से भी गलती हो जाती है। कुसंग वश, वासना के वशीभूत होकर कोई गलती कर बैठे और अब उस व्यक्ति पश्चात्ताप हो रहा है कि अब मौका मिल जाए तो जीवन में वह कभी गलती नहीं करेगा तो उसे एक बार क्षमा कर देना चाहिए।
लेकिन व्यक्ति बार-बार गलती कर रहा है तो वह नाटक कर रहा है। कई बार देखा गया है कि किसी के हृदय में ये आता दिखाई देता है कि एक बार उसे मौका मिल जाए तो वो कभी गलती नहीं करेगा। ऐसे स्वभाव वाले व्यक्ति को सुधार का मौका दिया जाना चाहिए। यदि वह बार-बार गलती कर रहा है तो इसका अर्थ है कि वह ढोंग करता है और नाटक कर रहा है। ऐसे व्यक्ति को दंड देना चाहिए, क्षमा नहीं करना चाहिए।
Published on:
06 Jul 2025 08:50 am