5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गरुण पुराण: क्यों किसी की मृत्यु के बाद घरों में नहीं जलता चूल्हा

Garuda Purana: सनातन धर्म में व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार माने गए हैं। जिनमें से अंतिम संस्कार 16वां संस्कार होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो आसपास के घरों या मोहल्ले में भी चूल्हा नहीं जलाया जाता।

2 min read
Google source verification
garuda purana, antim sanskar ke niyam, garud puran antim sanskar, solah sanskar kaun sa hota hai, dah sanskar ke niyam, rules of death in garuda puran, दाह संस्कार के बाद के नियम, गरुड़ पुराण मृत्यु, सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार,

गरुण पुराण: क्यों किसी की मृत्यु के बाद घरों में नहीं जलता चूल्हा

हिंदू धर्म शास्त्रों में संस्कारों को बहुत महत्व दिया है। वैसे तो कई वेद और पुराणों में बहुत से संस्कार बताए गए हैं लेकिन मुख्य रूप से 16 संस्कार माने गए हैं। जिनमें से अंतिम संस्कार 16वां संस्कार होता है। वहीं वैष्णव संप्रदाय की महापुराण गरुण पुराण में जन्म से लेकर मृत्यु के बाद तक के कर्मों को बताया गया है। वहीं हिंदू धर्म में घर में किसी की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण के पाठ के श्रवण का भी प्रावधान है।

इसके अलावा गरुड़ पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि किसी के घर में किसी परिजन की मृत्यु के बाद जब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं होता, तब तक उस घर के अलावा आसपास मोहल्ले या गांव में कोई शुभ काम नहीं किया जाता और ना ही घरों में चूल्हा जलता है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता...

गरुड़ पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि घर में किसी की मृत्यु के बाद जब तक व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता तब तक उस घर में पूजा नहीं होती और ना ही चूल्हा जलाया जाता है। क्योंकि गरुड़ पुराण के अनुसार जब तक किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं होता तब तक उसकी आत्मा को सांसारिक मोह-माया से मुक्ति नहीं मिल पाती है और वह मरने के बाद प्रेत कंकर भटकती रहती है।

वहीं सनातन धर्म के अनुसार किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय उसकी लाश की हाथ-पैर बांध दिए जाते हैं ताकि उसके शरीर पर किसी भूत-पिशाच का वश न हो जाए। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मृत व्यक्ति का कभी भी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार ना किया जाए अन्यथा उसे परलोक में कष्ट भोगने पड़ते हैं।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

यह भी पढ़ें: ज्योतिष: राशि अनुसार इस दिन करें शेयर की खरीदारी तो बन सकते हैं मालामाल!