
कौन हैं हनुमानजी के माता-पिता, हनुमानजी का स्वरूप आदि जानने के लिए पढ़ें
हनुमानजी भगवान राम के अनन्य भक्त हैं। रामायण, राम चरित मानस, शिव पुराण, हनुमान उपासना समेत कई ग्रंथों में इनकी महिमा का बखान किया गया है। हनुमान जी इस पृथ्वी पर अमर रहने वाले चिरंजीवियों में से एक हैं। भगवान हनुमान को आजीवन ब्रह्मचारी माना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने और भगवान राम की अनन्य भक्ति का प्रण लिया था। महावीर, बजरंगबली, आञ्जनेय, पवनपुत्र, अञ्जनीपुत्र, केसरी नंदन और मारुति आदि नामों से जाने वाले बजरंग बली आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं।
मान्यता के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा पर मंगलवार के दिन सूर्योदय के बाद हुआ था। उनका जन्म चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। इनके माता का नाम अञ्जना और पिता का नाम वानरराज केसरी था। उन्हें वायुदेव के पुत्र के रूप में जाना जाता है।
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धार्मिक ग्रंथों में भगवान हनुमान का स्वरूप वानर के समान बताया गया है। उन्हे लाल वर्ण वाला और वानर के सामान एक घुमावदार पूंछ के साथ चित्रित किया जाता है। उन्हें गदा धारण किए हुए दर्शाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान हनुमान ने महिरावण नामक दैत्य का संहार करने के लिए पञ्चमुखी अवतार धारण किया था। पञ्चमुखी अर्थात् हनुमान जी का पांच मुखों वाला स्वरूप, इसमें उत्तर दिशा की ओर श्री वराह, दक्षिण दिशा की ओर श्री नरसिंह, पश्चिम दिशा की ओर श्री गरुण, आकाश की ओर श्री हयग्रीव तथा पूर्व दिशा की ओर स्वयं हनुमान जी का श्रीमुख होता है।
ॐ श्री हनुमते नमः॥
हनुमान जी को समर्पित सर्वाधिक लोकप्रिय मंदिरों में ये शामिल हैं-
Updated on:
19 Jul 2024 04:01 pm
Published on:
21 Apr 2024 05:22 pm
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