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Holashtak 2023: इस महीने 17 तक गूंजेंगी शहनाई, फिर करना होगा होलाष्टक बीतने का इंतजार

फाल्गुन महीना शुरू होने वाला है। इस महीने में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurt february) हैं। इससे फाल्गुन महीने में छह फरवरी से 17 फरवरी तक कई विवाह मुहूर्त हैं। लेकिन जो लोग इसके बाद शादी का शुभ मुहूर्त तलाश रहे हैं, उन्हें विवाह के लिए होलाष्टक 2023 (Holashtak 2023) बीतने का इंतजार करना होगा। क्योंकि होलाष्टक में मांगलिक कार्य बंद रहते हैं।

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Pravin Pandey

Feb 04, 2023

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हिंदू धर्म में होली का बहुत अधिक महत्व माना जाता है और रंगों के इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह रंगोत्सव फाल्गुन पूर्णिमा से शुरू होता है। इसके दूसरे दिन चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन भी रंगोत्सव मनाया जाता है। होली पर्व के ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक भी लगता है, जिसमें सभी शुभ व मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। फरवरी माह में शादी मुहूर्त 6 से 17 फरवरी तक शादी और मांगलिक कार्यों की धूम रहेगी। इसके बाद 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू होने से सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

होलिका दहन शुभ मुहूर्तः पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से लेकर अगले दिन 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन 07 मार्च को किया जाएगा और 08 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी।

28 फरवरी से होलाष्टक शुरू: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे और 7 मार्च तक रहेंगे। होलिका दहन 7 मार्च 2023 को होगा और 8 मार्च को रंगोत्सव मनाया जाएगा। बता दें कि होली के आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। होलाष्टक में मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, जो होलाष्टक यानी होलिका दहन के बाद सात मार्च को दोबारा शुरू हो पाएंगे। इससे पहले 6 फरवरी से 17 फरवरी तक विवाह आदि के मुहूर्त हैं।

ये भी पढ़ेंः

फाल्गुन में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार


4 फरवरी: जानकी जयंती
17 फरवरी: विजया एकादशी
18 फरवरी: महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी


20 फरवरी: फाल्गुन अमावस्या, सोमवती अमावस्या
21 फरवरी: फुलेरा दूज
23 फरवरी: विनायक चतुर्थी


25 फरवरी: स्कंद षष्ठी
27 फरवरी: होलाष्टक, मासिक दुर्गाष्टमी, रोहिणी व्रत।

कब होता है होलाष्टक का समापन


होलाष्टक का समापन होलिका दहन के साथ ही हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्यों को नहीं करना चाहिए, इस अवधि में मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। इसलिए इस दौरान शादी समारोह भी नहीं आयोजित किए जाते।