5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rahu Attack : यदि घर को राहु की सक्रियता से बचाना चाहते हैं तो इन जगहों पर दें खास ध्यान

राहु के घर मे सक्रिय होने से जीवन में कई अशुभ स्थितियां पैदा होनी शुरु हो जाती हैं!

3 min read
Google source verification
how to safe your home from rahu effects

how to safe your home from rahu effects

हिंदुओं में जहां राहु को राक्षस माना जाता है, वहीं राहु वाला भाग सिर व केतु वाला भाग धड़ माना गया है। वहीं ज्योतिष में राहु को एक ताकतवर और क्रूर राक्षस ग्रह माना गया है। यहां तक कि यह मंगल तो तक निस्तेज करने में सक्षम माना जाता है, यानि मंगल और राहु दोनों आमने सामने आ जाएं तो दोनों का ही प्रभाव खत्म हो जाता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि राहु के कारण जीवन में अचानक आने वाली घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं।

कई बार अचानक कोई रोग उत्पन्न होता है व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हो जाता है। राहु के कारण जातक पागलपन का भी शिकार हो जाता है। लाल किताब के वस्तु के अनुसार यूं तो राहु की स्थिति कई जगहों पर बताई गई हैं परंतु खास दो जगहों को साफ सुथरा नहीं रखा तो राहु का प्रकोप प्रारंभ हो जाता है फिर भले ही कुंडली में राहु की स्थिति कितनी ही सही क्यों न हो। तो आओ जानते हैं कि वो दो जगहें कौन सी हैं और उन्हें किसी तरह साफ सुथरा रख सकते हैं।

MUST READ : वैदिक ज्योतिष- जानें सभी 12 भावों पर राहु के प्रभाव

शौचालय :
1. घर में शौचालय राहु का मुख्य स्थान होता है। पुराने समय में शौचालय घर में इसीलिए नहीं रखते थे। फिर जब घर में ही शौचालय रखने की परंपरा प्रारंभ हुई तो घर के पीछे थोड़ी दूर पर ही शौचालय बनाते थे परंतु आजकल तो घर के भीतर ही शौचालयों का निर्माण होता है।

2. शौचायल या टॉयलेट का खराब होना, टूटा-फूटा होना, बदरंगी होना या गंदा होना राहु को निमंत्रण देना माना जाता है। यह घर में रोग और शोक को जन्म देता है।

3. यदि गलती से आपका शौचालय ईशान कोण में बन गया है तो फिर यह बहुत ही धनहानि और अशांति का कारण बन जाता है। प्राथमिक उपचार के तौर पर उसके बाहर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगा दें। शौचालय में बैठने की व्यवस्था यदि दक्षिण या पश्चिम मुखी है तो उचित है।

4. वास्तु शास्त्र में बाथरूम में चंद्रमा का वास और टॉयलेट में राहु का वास रहता है। यदि चंद्रमा और राहु एक जगह इकट्ठे होते हैं तो यह ग्रहण योग बनाते हैं। इससे चंद्रमा दूषित हो जाता है। चंद्रमा के दूषित होते ही कई प्रकार के दोष उत्पन्न होने लगते हैं क्योंकि चंद्रमा मन और जल का कारक है जबकि राहु को विष समान माना गया है जो मस्तिष्‍क को खराब करता है। इस युति से जल विष युक्त हो जाता है। जिसका प्रभाव पहले तो व्यक्ति के मन पर पड़ता है और दूसरा उसके शरीर पर।

5.शौचालय को स्वच्छ, सूखा और सुंदर बनाकर रखे। इसमें सुगंधित वातावरण होगा तो राहु का दोष नहीं होगा। इसके लिए आप शौचालय के किसी कोने में कर्पूर की एक डली कहीं रख दें या खड़ा नमक किसी कांच के बाऊल में रख दें।

सीढ़िया :
1. राहु का दूसरा स्थान होता है सीढ़ियों पर। सीढ़ियां टूटी फूटी या गंदी है तो राहु सक्रिय होगा। यदि सीढ़ियां साफ, स्वच्‍छ और सुंदर नहीं है तो वहां पर राहु सक्रिय होकर जीवन में उथल पुथल मचा देता है। शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और व्यक्ति कर्ज से भी घिर जाता है।

2. घर में सीढ़ियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही बनवाएं। कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं। लेकिन यदि गलत दिशा में बनी है तो कम से कम उसे साफ सुधरा तो रखें। हो सकते हैं उसे सुंदर बनाएं।

3. लाल किताब के अनुसार राहु का दोष उत्पन्न होने से जीवन में घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। अत: घर का टॉयलेट और सीढ़ियां हमेशा साफ-सुथरी और दोषमुक्त रखना चाहिए।

राहु के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय...
राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए वैसे तो कइर् उपायों का वर्णन मिलता है, लेकिन मान्यता के अनुसार कुछ खास उपाय जिनका तुरंत असर सामने आता है वे इस प्रकार हैं।

1- राहु के कुप्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को अग्नि के समक्ष ही भोजन जमीन पर बैठकर करना चाहिए। यानि भोजन जमीन पर बैठ कर उस जगह करें जहां खाना पक रहा हो।

2- प्रत्येक सोमवार को किसी प्राचीन शिवलिंग पर गंगाजल मिला जल चढ़ाने से कुंडली का राहु दोष कम होने लगता है।

3- राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए काली वस्तुओं, जेसै काले कपड़े, काला उड़द आदि का दान अवश्य करें।

4- हर शनिवार पीपल के पेड़ पर और शनि देव को जल चढ़ाने से भी राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है।

5- प्रतिदिन राहुकाल के समय “ऊँ रां राहुवे नम:” मंत्र का 108 बार स्फटिक की माला से जप करने पर शीघ्र ही राहु का अशुभ दोष खत्म हो जाता है।

6- नहाने के जल पानी में शुद्ध चंदन का इत्र डालकर स्नान करने से राहु शुभ असर देने लगता है।