
जीवित्पुत्रिका व्रत पर क्या करें और क्या न करें
जितिया व्रत का महत्व
मान्यता है कि जितिया व्रत से माताओं की संतान की रक्षा करती है और व्रत को रखने वाली महिलाओं की सूनी गोद भी भर जाती है। कहते हैं कि इस व्रत को बीच में नहीं छोड़ा जाता है, इसे हर साल करना चाहिए। जितिया व्रत पहले सास द्वारा किया जाता है उसके बाद यह व्रत बहू करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जितिया का व्रत रखने से हर मनोकामना पूरी होती है।
जितिया व्रत के दिन क्या करें और क्या न करें
1. ब्रह्मचर्य का पालन करें
2. लड़ाई-झगड़े से दूर रहें
3. किसी को अपशब्द न कहें और कोई बुरा विचार मन में न आने दें
4. व्रत के दिन पानी बिल्कुल न ग्रहण करें
जितिया व्रत की कथा
एक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य वध के बाद अश्वत्थामा विचलित थे, क्रुद्ध अश्वत्थामा ने बदला लेने के लिए पांडव पुत्रों की हत्या कर दी। अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे शिशु को भी मार डाला। हालांकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से उसे जीवित कर दिया। इस संतान का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया, ये जीवित्पुत्रिका बाद में राजा परीक्षित के रूप में मशहूर हो गए। तभी से महिलाएं इस दिन संतान की कुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने लगीं।
Updated on:
06 Oct 2023 03:36 pm
Published on:
05 Oct 2023 09:44 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
