
मोतीडूंगरी गणेशजी का अभिषेक करते हुए महंत कैलाश शर्मा। -फाइल फोटो
सर्वहितकारी: भगवान गणेश का स्वभाव सरल है, वह जितने बुद्धिमान हैं, उतना ही धैर्यवान भी। बुद्धि और चातुर्य से वे हर मुश्किल का हल निकाल देते हैं, वैसे ही महामारी जैसे मुश्किल दौर में हम उनकी भांति हर परेशानी के लिए युक्ति निकालें।
त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वमिन्द्रस्त्वमग्निस्त्वं वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुव: स्वरोम्।
ब्रह्मा, विष्णु, अग्नि, वायु, सूर्य, चंद्र आदि सभी शक्तियों से युक्त श्री गणेश सृष्टि के हर स्वरूप में विद्यमान हैं। उनके पास हर परेशानी का हल है। उनसे न केवल सफल जीवन का सूत्र मिलता है, बल्कि हर विघ्न-बाधा और चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने का मंत्र भी हमें उनसे मिलता है। वे सर्वहितकारी हैं। इसी लिए अथर्ववेद में वर्णित है-अथ गणपत्यथर्वशीर्षस्त्रोतम् अर्थात प्रभु आप मेरे श्रोता, मेरे दाता, मेरे धाता, मेरे शिष्य और इस मंत्र को सुनने वाले हर श्रद्धालु की रक्षा करो।
ट्रांसफर ऑफ पावर
महंत कैलाश शर्मा ने बताया ज्यादातर धर्मों में आराध्य की हथेली को आशीर्वाद स्वरूप दिखाया गया है। दरअसल यह मुद्रा कुछ कहती है। इसे सरल शब्दों में कहें तो यह ट्रांसफर ऑफ पावर है। यानी शक्ति का सकारात्मक प्रवाह, जिसे हम महसूस करते हैं। यही ऊर्जा आपके जीवन को गतिमान रखती है, विखंड को शोभित करती है।
जीवन और प्रबंधन के गुरु
बड़ा सिर: अर्थात बड़ी सोच रखने वाले लोग कामयाब होते हैं।
बड़े कान : बोलने से ज्यादा सुनना और सचेत रहना।
छोटी आंख: तेज नजर अर्थात् उद्देश्य पर पैनी नजर रखना।
एक दंत : लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें, तभी सफल होंगे।
बड़ा पेट : सफलता को पचाना सीखें, इसे हावी न होने दें।
Updated on:
09 Sept 2021 12:43 am
Published on:
09 Sept 2021 12:03 am
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