
प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए जरूर जपें यह मंत्र
देवी चामुंडा की महिमा
आदि शक्ति माता दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि की महिमा निराली है, माता संसार के कल्याण के लिए बड़ी संकट को दूर करने के लिए यह स्वरूप धारण करती हैं। यह पल में प्रसन्न होने वाली और मनुष्य को हर संकट से उबारने वाली हैं। यह माता दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरूप हैं, काल भी जिनके अधीन है। ऐसी माता की कृपा मिलने पर दुर्भाग्य भी दूर हो जाता है। इसलिए आपकी कुंडली का कोई ग्रह आपके काम में बाधा बन रहा है तो वह भी सीधा हो जाता है और शुभ फल देने लगता है। आइये जानते हैं माता दुर्गा का वह शक्तिशाली मंत्र..
सौभाग्य मंत्र
वंदिताङ्घृयुगे देवी सर्वसौभाग्यदायिनी ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥8॥
अर्थः जिनके चरणों की जोड़ी की सभी स्तुति करते हैं और जो सभी का कल्याण करने वाली और सौभाग्य प्रदान करने वाली हैं, उन देवी दुर्गा को नमस्कार है। हे देवी, कृपयामुझे (आध्यात्मिक) सुंदरता प्रदान करें , कृपया मुझे (आध्यात्मिक) विजय प्रदान करें, कृपयामुझे (आध्यात्मिक) महिमा प्रदान करें, काम क्रोध आदि मेरे शत्रुओं का नाश करें।
रोजाना करें एक माला जाप
पुरोहितों के अनुसार यह मंत्र देवी महात्म्य के दुर्गा सप्तशती अर्गला स्तोत्रम् का हिस्सा है और मां दुर्गा को बेहद प्रिय है। माना जाता है कि इस मंत्र का रोजाना एक माला जाप माता को प्रसन्न रखता है और उनके कृपा पात्र का कोई अहित नहीं कर सकता है। इसलिए विद्यार्थियों को स्नान ध्यान के बाद पूजा के दौरान 108 बार इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे उसका समस्त संकट दूर हो जाएंग, सभी ग्रह शुभ फल देंगे और उसके रास्ते की बाधाएं दूर हो जाएंगी। देवी दुर्गा बुध ग्रह की स्वामिनी हैं, उनकी इस मंत्र से आराधना करने से बुद्धि और व्यापार का कारक ग्रह बुध भी अनुकूल रहता है। वैसे भी मां दुर्गा के भक्तों को शनि और राहु केतु जैसे क्रूर ग्रह भी शुभ फल ही देते हैं।
Updated on:
06 Feb 2024 05:53 pm
Published on:
06 Feb 2024 05:52 pm
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