धर्म और अध्यात्म

मुनि आदित्य सागर ने दिया जैन समुदाय को बड़ा संदेश, जानें चातुर्मास से पहले क्या दी सीख

Muni Aditya Sagar Message: जप-तप, नियम, आराधना, सत्संग का विशेष समय चातुर्मास शुरू होने वाला है। इससे पहले युवा संत मुनि आदित्य सागर ने जैन समुदाय को बड़ा संदेश दिया है। जानें संत आदित्य सागर ने क्या सीख दी ..

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Jul 01, 2025
Jaipur Dharm Sabha: जयपुर धर्म सभा में मुनि आदित्य सागर ने दिया बड़ा संदेश (File Photo: Pixabay)

Jaipur Dharm Sabha: चातुर्मास का जैन समुदाय में बड़ा महत्व है। इसकी शुरुआत 6 जुलाई 2025 से हो रही है। चातुर्मास में जैन संत एक ही जगह पर रूककर स्वाध्याय प्रवचन सत्संग और श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन आदि करते हैं। इससे पहले युवा संत मुनि आदित्य सागर ससंघ का सोमवार को बापूनगर जैन मंदिर में पहुंचे थे। यहां संत (Muni Aditya Sagar Message) ने धर्म सभा में श्रद्धालुओं को भक्ति संबंधित बड़ा संदेश दिया। आइये जानते हैं मुनि आदित्य सागर ने क्या संदेश दिया ..

भक्ति का हर क्षण अनमोल, समय का नहीं करना चाहिए इंतजार

धर्मसभा में मुनि ने कहा कि पुण्य कर्म तथा भक्ति करने के लिए समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। भक्ति का हर क्षण अनमोल है। इससे पहले मुनि आदित्यसागर, मुनि अप्रितम सागर और मुनि सहज सागर की लोगों ने चरण वंदना कर पाद-प्रक्षालन किया। जुलूस के बीच महिलाओं ने ‘गुरुवर आज मेरी कुटीया में आएं हैं’ सहित अन्य भजनों से उनकी अगुवानी की।
मनीष बैद ने बताया कि मुनि आदित्य सागर गणेश मार्ग स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय पहुंचे थे। यहां राजीव जैन, मनोज झांझरी, संजय पाटनी व मंदिर समिति अध्यक्ष राजकुमार सेठी ने ससंघ की आरती की।

माता-पिता की सेवा को बताया सबसे बड़ा धर्मः संत

इधर, जयपुर में सिंध प्रांत के संत और प्रेम प्रकाश मंडल के संस्थापक स्वामी टेऊंराम के 139 वें जन्मोत्सव अमरापुर दरबार में मनाया गया। इसमें बड़ी संख्या में संत जुटे थे। सोमवार सुबह गंगाजल और पंचामृत से स्वामी टेऊंराम का अभिषेक किया गया। हवन और यज्ञ सहित अन्य अनुष्ठान हुए।

पूर्णाहुति के बाद श्रद्धालुओं ने चालिहा महोत्सव के दौरान हुई भूल, गलती के लिए क्षमा मांगी। साथ ही अखंड ज्योत के दर्शन भी किए। भगवद् गीता व प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब के पाठों के भोग परायण के साथ ही 139 किलो महाप्रसादी का भोग लगाया गया। इस दौरान संतों ने कहा माता पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। हमें इस सीख को जीवन में उतारना चाहिए और सदाचार को अपनाना चाहिए।

Published on:
01 Jul 2025 08:01 pm
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