
tulsi pujan diwas kab manaya jata hai: इस लेख में पढ़िए, तुलसी के फायदे। (Photo: Gemini AI)
TulsiPujan Diwas 25 December: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इन दिनों तुलसी खूब ट्रेंड कर रही है। लोग तुलसी से जुड़ी चर्चाएं करने में काफी रुचि दिखा रहे हैं। इसकी वजह है, 25 दिसंबर को मनाए जाने वाला तुलसी पूजन दिवस। ऐसे में इस लेख से समझिए, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस क्यों मनाया जाता है और तुलसी के लाभ।
सनातन धर्म में माना जाता है कि, तुलसी एक सामान्य पौधा नहीं बल्कि, माता लक्ष्मी का स्वरूप है। श्री विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा तुलसी के बिना पिरी नहीं मानी जाती है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है। मान्यता है कि, सभी देवताओं का वास तुलसी में होता है और इसकी पूजा से पापों का नाश होता है और भक्ति प्रतिदिन बढ़ती है। तुलसी का इतिहास पुराणों में वृंदा की कथा से जुड़ा हहै। वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी और जालंधर की पत्नी थी। विष्णु के छल से वृंदा का सतीत्व भंग हो गया। इस पर वृंदा ने विष्णु को श्राप दिया और स्वयं तुलसी का पौधा बन गई। तभी से विष्णु शालिग्राम रूप में तुलसी विवाह का क्रम चला आ रहा है। मां तुलसी की इसी पवित्रता के चलते आज भी उन्हें सनातन धर्म में पूजा जाता है। ऐसे में मां तुलसी की आराधना और भक्ति के लि 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है।
विज्ञान के अनुसार, तुलसी का पौधा बहुत फायदेमंद होता है। इसमें अनेक औषधीय गुण होते हैं, जो वायु को शुद्ध करते हैं। खास बात यह है कि दिन के लगभग 20 घंटे यह लगातार ऑक्सीजन छोड़ती है। कीटाणुओं का खत्म करती है। प्रदूषण कम करने में मदद करती है। वैज्ञानिक शोध में तुलसी को प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर करार दिया गया है, जो कैंसर और सांस से जुड़ी बीमारियों से बचाव में मदद करती है।
बता दें कि, आशाराम बापू ने 2014 में तुलसी पूजन दिवस की शुरुआत की थी। तब, पहली बार 25 दिसंबर के दिन इसे मनाया गया था। तब से यह क्रम हर साल यथावत चल रहा है। जैसे ही दिसंबर महीने की शुरुआत होती है, सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तुलसी माता ट्रेंड करने लगती हैं। लोग तुलसी के धार्मिक महत्व के साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य लाभों पर भी अपनी बात रख रहे हैं।
Published on:
18 Dec 2025 11:46 am
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