6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bhai Dooj 2023: भाई दूज पर जरूर करें यह उपाय, मिलेगा सुख समृद्धि और सौभाग्य

remedy on Bhai Dooj 2023 भाई दूज, भैया दूज, यम द्वितीया आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन यमराज, चित्रगुप्त आदि की पूजा की जाती है। साथ ही भाई का तिलक किया जाता है। मान्यता है इससे यमराज प्रसन्न होते हैं और सुख, समृद्धि, सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यम द्वितीया के आसान उपाय, जिससे यमराज आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। आइये जानते हैं..

2 min read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Nov 15, 2023

15_november.jpg

भाई दूज के उपाय

आज है भाई दूज
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर गए थे। इसलिए यह त्योहार मनाया जाता है। उसी परंपरा के अनुसार बहनें भाई दूज पर अपने भाई को तिलक लगाती हैं और भोजन कराती हैं। इस साल यह त्योहार 15 नवंबर 2023 बुधवार को मनाया जा रहा है। इस दिन भाई के तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:51 बजे से 02:55 बजे तक है। इस दिन शाम की पूजा का समय 05:28 बजे से 06:47 के बीच है।

भाई दूज के उपाय
भाई दूज पर भाई को खिलाएं पानः इस दिन बहनें, भाई को अपने घर बुलाएं या शाम को उनके घर जाकर उन्हें भोजन कराएं और तिलक लगाएं। बाद में उन्हें पान भेंट करें। मान्यता है कि इस दिन भाई को पान भेंट करने से बहनों का सौभाग्य अखंड रहता है।

शाम को करें दीपदान
मान्यता है भाई दूज पर शाम को घर के बाहर यमराज के लिए चौमुखी दीपक जलाएं, इससे यमराज प्रसन्न होते हैं और भाई को लंबी उम्र प्रदान करते हैं। ऐसी बहन को यमराज का आशीर्वाद मिलता है।


यमुना में स्नान करें
मान्यता है कि भाई दूज के दिन जो भाई-बहन यमुनाजी में स्नान करते हैं, उनको यमराज यमलोक की यातना नहीं देते हैं। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा जरूर करें।

यम और यमुना की कथा
प्राचीन कथा के अनुसार इस दिन सूर्य पुत्री यमुना ने अपने भाई भगवान यमराज को अपने घर बुलाया, उनका तिलक कर भोजन कराया। जिससे यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने अपनी बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना ने अपने भाई यम से कहा कि आज के दिन जो बहनें अपने भाई को निमंत्रित कर अपने घर बुलाकर उन्हें भोजन कराएंगी और उनके माथे पर तिलक लगाएंगी तो उन्हें यम का भय ना हो। यमराज ने उनको यह वरदान दिया, तभी से कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज मनाया जाने लगा।