लेकिन इस बार ये मिथक कुछ हद तक टूटता दिख रहा है, क्योंकि मिथक के अनुसार जिस भी मुख्यमंत्री के काल में सिंहस्थ आयोजित होता है, उसे सिंहस्थ के बाद सत्ता से बेदखली myth of Simhastha का दंश झेलना पड़ता है। ऐसे में भाजपा की शिवराज myth of Simhastha सरकार में भी वर्ष 2016 में सिंहस्थ का आयोजन कराया गया था, लेकिन इसके बावजूद शिवराज चौहान 11 दिसंबर 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर तो रहे ही, एक बार फिर मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं।
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ये सच है कि 2018 तक सरकार में रहने के बाद के चुनाव में भाजपा सरकार नहीं बना सकी, जिसके चलते 13 दिसम्बर 2018 को कांग्रेस के myth of Simhastha कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। लेकिन करीब 15 माह चली इस सरकार को एक बार फिर सत्ता से बाहर होना पड़ा, ऐसे में सत्ता से 15 माह बाहर रहने के बाद एक बार फिर शिवराज की myth of Simhastha सीएम के तौर पर वापसी होती दिख रही है।दरअसल 11 दिसंबर 2018 को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जिस तरह से भाजपा और शिवराज का विजय रथ myth of Simhastha रोका, उससे एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया कि क्या वाकई सिंहस्थ myth of Simhastha की वजह से मध्यप्रदेश में सत्ता बदली है।
– 2004 का सिंहस्थ : अप्रैल-मई 2004 के सिंहस्थ की तैयारी दिग्विजय सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री शुरू की थी। फिर 2003 के विधानसभा चुनाव आए और कांग्रेस की सरकार चली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री बनी थीं उमा भारती। उमा ने बाद में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सिंहस्थ संपन्न कराया और अगस्त में उन्हें अचानक कुर्सी छोड़नी पड़ी।
इतिहास पर नजर history of Simhastha myth
महाकाल की नगरी उज्जैन में सदियों से सिंहस्थ का आयोजन होता रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश में सिंहस्थ के दौरान मुख्यमंत्रियों की विदाई एक संयोग है या कोई कुछ और कहा नहीं जा सकता। वर्ष 1956 में जब मध्यप्रदेश का गठन हुआ था उस वक्त उज्जैन में सिंहस्थ आयोजन 8 माह पूर्व ही सम्पन्न हुआ था।
उस समय प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ला ने एक नवंबर से 31 दिसंबर 1956 तक प्रदेश की (दो माह के लिए) बागडोर संभाली, लेकिन उसके बाद जितने भी सिंहस्थ हुए उस समय भारतीय जनता पार्टी या संघ के समर्थन वाली संविद सरकार के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनका सिंहस्थ के दौरान जाना तय माना गया है। इसे महज संयोग ही नहीं कहा जा सकता। मध्यप्रदेश में सिंहस्थ के समय मुख्यमंत्रियों की विदाई एक परंपरा बन गई।
सिंहस्थ वर्ष : | मुख्यमंत्री : | कार्यकाल |
1956 : | रविशंकर शुक्ला : | 1 नवंबर से 31 दिसंबर 1956 |
1968 : | गोविंद नारायण सिंह : | 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 |
1980 : | सुंदरलाल पटवा : | 20 जनवरी से 1980 से 17 फरवरी 1980 |
1992 : | सुंदरलाल पटवा : | 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 |
2004 : | उमाभारती : | 8 दिसंबर 2003 से 23 अगस्त 2004 |
2016 : | शिवराज चौहान : | 29 नवंबर 2005 से 11 दिसंबर 2018 |