10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Skand Shashthi Vaishakh Vrat: जानें क्यों खास है वैशाख स्कंद षष्ठी व्रत, यह है मुहूर्त पूजा विधि

स्कंद षष्ठी व्रतः वैशाख शुक्ल षष्ठी की शुरुआत 25 अप्रैल दोपहर 1.09 एएम से हो रही है, और यह तिथि 26 अप्रैल 2.57 बजे संपन्न हो रही है। शाम को पूजा को लेकर स्कंद षष्ठी वर्त 25 अप्रैल 2023 को रखा जाएगा।

2 min read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Apr 24, 2023

kartikeya.jpg

kartikeya puja

इस दिन के शुभ मुहूर्त
1. अभिजित मुहूर्तः 25 अप्रैल मंगलवार को सुबह 11.35 बजे से दोपहर 12.29 बजे तक अभिजित मुहूर्त है।
2. अमृतकाल मुहूर्तः रात 8.55 बजे से 10.40 बजे तक अमृतकाल है।

क्यों खास है वैशाख स्कंद षष्ठी

वैशाख महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सावन और कार्तिक महीने की तरह ही शुभ माना जाता है। वहीं मंगलवार 25 अप्रैल को देवी भगवती और हनुमानजी की पूजा का भी दिन है। इसी दिन देवी भगवती स्वरूपा माता पार्वती के पुत्र भगवान स्कंद की पूजा का दिन पड़ रहा है। वहीं हनुमानजी भी रुद्रावतार यानी भगवान शिव के अवतार हैं, यानी कि एक ही दिन भगवान स्कंद और उनके माता-पिता के स्वरूपों की पूजा का दिन है। इसलिए यह तिथि बेहद खास हो गई है।

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और रोग शोक का नाश होता है। कार्तिकेय देव सेनापति भी हैं। इनका व्रत लोभ, क्रोध, मोह, अहंकार और काम जैसी बुराइयों पर विजय दिलाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार स्वामी कार्तिकेय ने इसी दिन तरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसलिए इस दिन कार्तिकेय पूजा शुभफलदायी होती है।


इसी दिन भगवान विष्णु ने नारदजी का उद्धार किया था, उन्हें लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के साथ विष्णुजी की पूजा भी की जाती है। इस दिन व्रत से निःसंतान दंपति को संतान और सफलता सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। निर्धनता दूर होती है और धन ऐश्वर्य मिलता है। इस दिन ब्राह्णणों को भोजन कराना चाहिए और स्नान के बाद कंबल और गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए।


ये भी पढ़ेंः Aaj Ka Rashifal 25 April: वृषभ, धनु और मीन सहित इन पांच राशियों को होगा बड़ा आर्थिक लाभ

कैसे रखें व्रत
1. सुबह उठकर घर की साफ-सफाई करें।
2. स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें।
3. भगवान कार्तिकेय के साथ शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। दक्षिण दिशा में मुंह करके भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
4. पूजन में घी, दही, जल पुष्प अर्घ्य प्रदान कर अक्षत हल्दी चंदन इत्र से पूजन करें।
5. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव, कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तुते मंत्र का जाप करें।


6. मौसमी फल पुष्प मेवा चढ़ाएं, भगवान कार्तिकेय से गलती के लिए क्षमा मांगे और पूरे दिन व्रत रखें।
7. शाम को फिर पूजा करें, भजन, कीर्तन, आरती के बाद फलाहार करें।
8. रात में भूमि पर शयन करें और ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात मंत्र का जाप करें।