
स्वामी अवधेशानंद गिरी के जीवन मंत्र
1. क्रोध पर काबू करें: स्वामी अवधेशानंद गिरी का कहना है कि गुस्सा दूसरों के सामने हमारी छवि को तो खराब करता ही है, यह हमारे मन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए लोगों को इस पर काबू करने की कला सीखनी चाहिए। जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी का कहना है कि गुस्से के कई नुकसान हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान है यह बुद्धि को खा जाता है और सही गलत का निर्णय लेने की क्षमता को नुकसान पहुंचाता है।
2. लक्ष्य बनाएं और परिणाम तक पीछा करें: स्वामी अवधेशानंद गिरी का कहना है कि व्यक्ति को उत्साहपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। यह जीवन अंतहीन संभावनाओं से भरा है, अतः युवाओं सहित सभी व्यक्तियों को प्रयोगवादी बनना चाहिए। अपने लक्ष्य तय करना चाहिए और सफल परिणाम आने तक लक्ष्य का पीछा करना चाहिए।
3. ईश्वर के स्मरण से मिलेगी शांतिः स्वामी अवधेशानंद सहज शांति की तलाश करने वालों को ईश्वर के स्मरण की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि वाह्य जगत अस्थिर क्षणभंगुर और पल-पल बदलने वाला है। निरंतर बदलती घटनाएं, परिस्थितियां, दृश्य और व्यक्ति शाश्वत नहीं हैं। अतः जीवन में सहजता, शांति और निर्भयता की प्राप्ति के लिए सर्वशक्तिमान ईश्वर का सदैव स्मरण करते रहना चाहिए।
4. सफलता के लिए मन से डर को निकालें: स्वामी अवधेशानंद का कहना है कि कई लोगों का कहना है कि वे मन से थक गए हैं। यही मन थकना उन्हें सफलता से दूर कर देता है। स्वामी अवधेशानंद का कहना है मन में किसी दुख या डर की वजह से व्यक्ति अक्सर मन से थकता है। सफलता के लिए हमें मन और मष्तिष्क दोनों को चुस्त दुरुस्त और उत्साहित रखना चाहिए। इसलिए मन से डर को निकाल देना चाहिए।
5. समन्वित प्रयास से असंभव बन जाएगा संभवः स्वामी अवधेशानंद का कहना है कि संसार के समस्त श्रेष्ठ और महान कार्य समन्वित प्रयासों से ही सिद्ध होते हैं। इसलिए महान उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समन्वित और एकीकृत रहें। एकता में बड़ी सामर्थ्य निहित है जो कठिन को सरल और असंभव को संभव बना सकती है।
Updated on:
22 May 2023 09:23 pm
Published on:
22 May 2023 09:22 pm
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