
तिलकुट चौथ व्रत कथा
Tilkut Chauth Katha: धार्मिक ग्रंथों (Tilkut Chauth Vrat Katha) के अनुसार एक बार देवता कई परेशानियों में फंस गए। वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे। यहां भगवान गणेश और कार्तिकेय दोनों आदिदेव के पास ही बैठे थे। यहां भगवान शिव ने दोनों से पूछा कि देवताओं की मदद कौन करेगा, दोनों ने ही इसकी इच्छा जताई। इससे दुविधा उत्पन्न हो गई।
Tilkut Chauth Vrat Katha के अनुसार इस पर भगवान शिव ने दोनों से कहा कि आप में से जो पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके लौटेगा, वही देवताओं की मदद करेगा। इस पर कार्तिकेयजी अपने वाहन मयूर से परिक्रमा के लिए निकल पड़े, और गणेश वहीं खड़े रहे। गणेशजी ने सोचा कि मूषक वाहन से परिक्रमा में उन्हें बहुत समय लग जाएगा। इस पर गणेशजी ने सात बार माता पिता की परिक्रमा की और बैठ गए।
कार्तिकेयजी ने खुद को बताया विजेता
कार्तिकेयजी लौटे तो खुद को विजेता बताने लगे, तब शिवजी ने गणेशजी से पृथ्वी की परिक्रमा न करने का कारण पूछा। इस पर गणेशजी ने कहा कि माता पिता के चरणों में ही समस्त लोक हैं। इस जवाब के बाद शिवजी ने गणेशजी को विजेता घोषित किया और देवताओं के संकट को दूर करने की आज्ञा दी और भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा, उसे दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों से मुक्ति मिलेगी। इस व्रत से मनुष्य के सभी दुख दूर होंगे और भौतिक सुख पाने से उनका जीवन सुखमय बीतेगा।
Tilkut Chauth 2023 Date 2023: नव वर्ष 2023 में तिलकुट चौथ व्रत 10 जनवरी को है। पंचांग के अनुसार माघ कृष्ण चौथ की शुरुआत 10 जनवरी मंगलवार दोपहर 12.09 बजे से हो रही है और यह तिथि बुधवार 11 जनवरी को दोपहर 2.31 बजे संपन्न होगी। तिलकुट चौथ मंगलवार के दिन चंद्रोदय का समय रात 8.41 बजे है।
Updated on:
09 Jan 2023 04:00 pm
Published on:
09 Jan 2023 03:58 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
