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भोलेनाथ को अतिप्रिय नंदी के कान में ऐसे कहें अपनी बात, हर मनोकामना पूरी होने की है मान्यता

नंदी को भगवान शिव के अतिप्रिय गणों में से एक और कैलाश पर्वत का द्वारपाल माना जाता है। वहीं मान्यता है कि यदि नंदी के कान में अपनी बात कही जाए तो भोलेनाथ तक आपकी मनोकामना जरूर पहुंचती है।

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भोलेनाथ को अतिप्रिय नंदी के कान में ऐसे कहें अपनी बात, हर मनोकामना पूरी होने की है मान्यता

भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार बड़ी जल्दी सुनकर उसे जरूर पूरी करते हैं। वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि यदि आप शीघ्र ही अपनी कोई दिली तमन्ना पूरी होने की चाह रखते हैं तो शिव जी के प्रियगण नंदी के कान में अपनी बात कहकर शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं किस तरह नंदी के कान में अपनी इच्छा कहने से वह भोलेनाथ तक शीघ्र पहुंचती है...

1. सबसे पहले करें नंदी की पूजा
अपनी कोई भी मनोकामना नंदी के कान में बोलने से पहले नंदी की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके बाद अपनी मन की बात नंदी के बाएं कान में कहें। ध्यान रखें कि अपनी बात कहते समय आपके होंठ आपके हाथों से ढके हुए हों। अपनी मन की इच्छा बोलने के बाद नंदी के समक्ष कोई फल या मिठाई अवश्य भेंट स्वरूप चढ़ाएं।

2. कोई भी गलत मनोकामना न मांगें
नंदी के कान में कभी भी किसी की बुराई या अहित करने की इच्छा न जाहिर करें क्योंकि माना जाता है कि इससे भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं।

3. शिव जी की पूजा के बाद जरूर करें नंदी की पूजा
भगवान शिव की पूजा के बाद नंदी जी की पूजा करने का विधान है। इसलिए शिवशंभु की पूजा के पश्चात नंदी के समक्ष भी दीपक जलाकर आरती करें। फिर सीधा किसी से बिना कुछ कहे अपने मन की बात नंदी के कान में कह दें। बिना नंदी की पूजा किए शिव भगवान की पूजा संपूर्ण नहीं होती।

क्या है इससे जुड़ी मान्यता: ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि भगवान शिव सदा ही अपनी तपस्या ने लीन रहते थे और उनकी तपस्या भंग न हो इसलिए भक्तजन अपनी मनोकामना नंदी जी को बताकर चले जाते थे। चूंकि नंदी की कानों में पड़ी बात ही शिव भगवान तक पहुंचती थी इसलिए तब से ही अपनी मन की इच्छा शीघ्र भोलेनाथ तक पहुंचाने के लिए नंदी की कान में मन की बात कही जाने लगी।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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