
चाणक्य नीति अनुसार गधा, सिंह, कुत्ता, बगुला और मुर्गे से सीखनी चाहिए ये चीजें
आचार्य चाणक्य की नीतियां हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार कुछ ऐसे गुण हैं जो अगर आपने अपना लिए तो आप जीवन की हर मुसीबत को पार कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि चाणक्य नीति गधा, सिंह, कुत्ता, बगुला और मुर्गे से कौन से गुणों को सीखने की बात कहती है...
1. "गधा"
चाणक्य नीति के अनुसार "गधा" एक ऐसा जानवर है जो थका हुआ होने के बावजूद बोझा उठाने का काम करता है।गधा हर हाल और हर मौसम में अपना काम करता है। इसलिए आपको भी संतोषपूर्ण विचार रखकर क्रमशील बने रहना चाहिए और परिस्थिति चाहे कैसी भी हो अपने काम से नहीं भागना चाहिए।
2. "सिंह"
जिस तरह "सिंह" या शेर एक बार अपने शिकार को पकड़ने के बाद उसे कभी नहीं छोड़ता, उसी प्रकार आपको भी कोई कार्य शुरू करने के बाद उसे पूर्ण किए बिना नहीं छोड़ना चाहिए। हर काम को पूरी मेहनत से खत्म करने का गुण आपको सिंह से सीखना चाहिए।
3. "कुत्ता"
चाणक्य नीति के अनुसार आपको "कुत्ते" से ज्यादा भूख होने पर भी अगर कम भोजन में संतुष्ट होने, अपनी रक्षा करने वाले के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना, अच्छी नींद लेना लेकिन जरा सा भी आभास होने पर जाग जाना और वीरता की भावना जैसे गुणों को सीखना चाहिए।
4. "बगुला"
"बगुले" से आपको एकाग्रता और परिस्थिति के अनुसार काम करना सीखना चाहिए। साथ ही अगर किसी व्यक्ति ने अपनी सभी इंद्रियों पर संयम पा लिया तो उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार कार्य को समझकर करना आन चाहिए।
5. "मुर्गा"
"मुर्गे" से आपको रणभूमि में शत्रु का डट कर सामना करना, सुबह जल्दी उठना, अपने प्रियजनों के साथ मिल बांटकर खाना और कभी भी दुश्मनों के हाथ अपनी चीज को न लगने देना जैसे गुणों को अपनाना चाहिए।
Updated on:
20 Mar 2022 11:51 am
Published on:
20 Mar 2022 11:49 am
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