
चाणक्य नीति: इन जगहों पर खुले हाथ से करें खर्चा, धन में नहीं होगी कमी
बड़े-बुर्जुग हमेशा सलाह देते हैं कि जरुरत पड़ने पर खर्च जरूर करें लेकिन कठिन समय के लिए थोड़ा धन बचाकर रखना भी आवश्यक है, ताकि किसी से मांगने की नौबत न आ जाए। इसी को इन्वेस्टमेंट कहते हैं जो आगे बहुत काम आती है। वहीं महान अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में खुद की और परिवार की जरूरतों के अलावा कुछ ऐसी जगहों पर खुले हाथ से खर्च करने को कहा है जहां पैसा खर्च करने से आपके धन में कमी नहीं, बल्कि बरकत होती है। साथ ही आपको समाज में मान सम्मान प्राप्त होता है...
1. धर्म के कार्यों में
चाणक्य नीति के अनुसार धर्म के काम में खर्च किया हुआ पैसा हमेशा फलदायी होता है और इसका फल मनुष्य को कई जन्मों तक मिलता है। इसलिए आपको धर्म के कार्यों में धन खर्च करने में कभी कंजूसी नहीं करनी चाहिए। जितना हो सके धर्म कर्म में हिस्सा लें। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। और साथ ही आपकी प्रसिद्धि भी बढ़ती है।
2. गरीबों के लिए
जरूरतमंदों या असहायों की मदद करने से कभी पीछे न हटें। बल्कि आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गरीबों के भोजन, स्वास्थ्य और पढ़ाई-लिखाई में आप जितना योगदान दे सकते हैं दें। इसलिए अपनी आय का एक भाग इनके लिए जरूर खर्च करें क्योंकि ऐसा करके आप अपनी भावी पीढ़ी के लिए एक अच्छे कल का निर्माण करते हैं जो आपके लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
3. सामाजिक कार्यों में
चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार सामाजिक कार्यों में खुले मन से खर्च करना भी आपको तरक्की के साथ आदर भी दिलाता है। क्योंकि हम भी समाज का हिस्सा हैं। इसलिए अपने फायदों के साथ-साथ हमारा कर्तव्य है कि समाज की बेहतरी के लिए आप कार्य करें। यानी समाज के कामों में धन खर्च करके आप अपने धन में कहीं कमी नहीं करते।
Updated on:
21 Mar 2022 10:42 am
Published on:
21 Mar 2022 10:41 am
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