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Skand Mata Mandir: पूरे देश में स्कंदमाता के सिर्फ दो मंदिर, प्राचीन मंदिर केवल एक

नवरात्रि (Navratri) के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप मोक्ष प्रदान करने वाली और समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाली मां स्कंदमाता की पूजा (Skand Mata Ki Puja) की जाती है। ऐसे में क्या आपको पता है कि मृत्युलोक में ही शांति और सुख का अनुभव कराने वाली माता दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप के मंदिर देश में कहां-कहां हैं, नहीं तो जानिए प्रमुख स्कंदमाता मंदिर (Skand Mata Mandir Varanasi) के बारे में जहां दर्शन से बिगड़ी बना देती हैं मां...

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Pravin Pandey

Mar 26, 2023

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skanda mata mandir varanasi

वाराणसी
पुरोहितों और ज्योतिष के जानकारों के अनुसार वाराणसी के जगतपुरा क्षेत्र के बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता का मंदिर है। देवी के इस रूप का उल्लेख काशी खंड और देवी पुराण में इस स्वरूप का उल्लेख मिलता है।


काशी की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं माता
मान्यता है कि एक समय देवासुर नाम के राक्षस ने वाराणसी में संतों आम लोगों पर अत्याचार शुरू कर दिया। इस पर मां स्कंदमाता ने उस राक्षस का विनाश कर दिया। इस घटना के बाद यहां माता की पूजा की जाने लगी। मान्यता है कि माता यहां विराजमान हो गईं और काशी की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं।


नवरात्रि में यहां सुबह 6.30 बजे से रात नौ बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं। नवरात्रि में दिनभर मंदिर खुला रहता है, लेकिन आमदिनों में यह मंदिर दोपहर में बंद होता है। यहां दर्शन करने से माता सबकी मुराद पूरी करती हैं।

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विदिशा

विदिशा (मध्य प्रदेश) में पुराने बस स्टैंड के पास सांकल कुआं के पास दुर्गाजी का विशाल मंदिर है। इसकी स्थापना 1998 में हुई थी, यहां माता दुर्गा का स्कंदमाता स्वरूप विराजमान है। मंदिर के पुजारी के अनुसार 40 से 45 साल पहले इस जगह पर झांकी सजाई जाती थी।

इस बीच कुछ भक्तों के मन में मां की ज्योति जगी तो उन्होंने मां स्कंदमाता मंदिर का निर्माण कराया। यहां नवरात्रि की पंचमी के दिन विशेष आरती होती है और यहां अखंड ज्योति जलती रहती है।