मनमानी तौर पर गुरुजी ररियर्स भुगतान का मामला विधान सभा में गूंजा था । इस पर सरकार ने दोषियों से शीघ्र राशि वसूलने एवं प्राचार्य के विरुद्ध विभागीय जांच कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई ठंडी बस्ते में चली गई। स्थिति यह है कि इनमें एक प्राचार्य की जहां मृत्यु हो चुकी है, वहीं दो प्राचार्य सेवानिवृत्त हो गए है। वर्तमान में दो प्राचार्य ही कार्यरत है।
गुरुजी को नियम विरुद्ध तरीके से एरियर्स भुगतान करने का मामला शासकीय हायक सेंकेंडरी विद्यालय भनिगवां, रायपुर सोनौरी, डभौरा, गढ़ी एवं कन्या सुनौरी ेमें सामने आया था। यहां सर्वप्रथम 35 गुरुजी को एरियर्स भुगतान दिया गया था। इस आधार अन्य गुरुजी द्वारा एरियर्स की मांगने पर बवाल मच गया है। जांच के दौरान नौ विकासखंड़ों में कुल 235 गुरुजी को भुगतान करने का मामला सामने आया था।
इस संबंध में शिक्षा विभाग का कहना है कि लगभग ३० लाख रुपए वसूल हो पाए थे। इसी बीच प्राचार्य व गुरुजी हाईकोर्ट पहुंच गए। इस मामले के विरुद्ध इनके द्वारा स्थगन आदेशप्रस्तुत किया गया है। यही कारण है कि मामले में वसूली नहीं हो रही है।
इस मामले में कई शिक्षकों ने हाईकोर्ट से मामला वापस लेकर वसूली के लिए तैयार हो गए है। जबकि कई गुरुजी व प्राचार्य के मामले हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए इन पर वसूली नहीं हो पाई। हाइकोर्ट से निराकृत के बाद एफआइआर के विषय में निर्णय होना है।
-आरएन पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी