मध्यप्रदेश के रीवा में विश्व का सबसे बड़ा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर पार्क और प्लांट है। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इसे आदर्श उदाहरण के रूप में पढ़ाया जा रहा है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रीवा सोलर प्लांट के उत्कृष्ट प्रबंधन, संचालन और सौर ऊर्जा उत्पादन के बारे में विद्यार्थियों को बताया जा रहा है।
रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट न सिर्फ़ विश्व का सबसे बड़ा प्लांट है, बल्कि विश्व में सबसे सस्ती दर पर व्यावसायिक उर्जा उत्पादन करने वाला प्लांट भी है। यहां महज 3 रूपए 30 पैसे प्रति यूनिट के रेट पर बिजली उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि बिजली की यह व्यवस्था अगले 25 सालों के लिए की गई है।
रीवा सोलर पॉवर प्लांट शुरु होने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। प्लांट की शुरुआत 2014 में बड़वार गांव में 275 हेक्टेयर जमीन आवंटन के साथ हुई। अप्रैल 2015 में राज्य सरकार ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट की स्थापना का अनुमोदन किया। बाद में रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड की स्थापना कर मप्र ऊर्जा विकास निगम और एसईसीआई का 50 -50 प्रतिशत का जॉइंट वेंचर स्थापित हुआ।
सोलर प्लांट के लिए बड़वार, बरसेटा देश, बरसेटा पहाड़, इतर पहाड़, रामनगर पहाड़ गांवों में 981 हेक्टेयर जमीन का आवंटन हुआ। 2018-19 तक और भी अनेक गांवों की बंजर जमीन को सौर परियोजना में शामिल कर लिया गया। यहां से अप्रैल 2019 में दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन को पॉवर सप्लाई देना शुरू हुआ। जनवरी 2020 से रीवा सोलर प्लांट में पूरी तरह से बिजली का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया गया।