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मनुष्य के अंदर जो अहंकार है उसे कम करना है, हालांकि मनुष्य से ज्यादा वात्सल्य पशुओं में होता है। यदि आपने अहंकार कम नहीं किया तो संसार से नैय्या पार नहीं होगी। साधर्मी भाइयों से आपका व्यवहार मित्रवत वात्सल्य पूर्ण होना चाहिए आपके पुण्य का संचय बढ़ेगा। यह बात मुनि विमल सागर महाराज ने बाहुबली कालोनी में धर्म सभा में शुक्रवार को कही। उन्होंने कहा कि ह्रदय को सरल बनाना आपका काम है। साधर्मी भाइयों के शरीर से हृदय निकल गया तो खेल खत्म हो जाएगा। इसी प्रकार धर्म के 8 अंगों में से वात्सल्य अंग निकल गया तो खेल खत्म हो जाएगा। साधर्मियों को जय जिनेंद्र बोलो, हम उसकी जय नहीं बोल रहे हैं बल्कि भगवान का नाम लेकर अपने कर्मों को काट रहे हैं हंसकर एक-दूसरे का अभिवादन करें तो सब ठीक हो जाएगा। मुनि ने कहा पद ऊंचा है और गुण गिरे हुए हैं तो देखकर ही यथायोग करना चाहिए, लेकिन कई बार गुण ज्यादा होते हैं। पद छोटा है, लेकिन लोग उसकी महिमा मंडन कर उसे बड़ा बना देते हैं उसे भी आदर सत्कार मिलने लगता है। राजस्थान में बहुत अच्छा व्यवहार होता है। लोग ढूंढ़कर उसे घर ले जाते हैं और अपने परिवार में भोजन कराते हैं एक दिन भी आदर सत्कार का मौका मिलता है तो आपको पुण्य का संचय होगा। ब्रह्मचारी भैया, बहनो, प्रतिमाधारी और वृत्तियों को भोजन आहार कराने बहुत पुण्य मिलता है।
मुनि ने कहा रक्षाबंधन को वात्सल्य पर्व कहा जाता है। मंदिर की राखी रक्षाबंधन के दिन बांधना चाहिए और लाडू भी चढ़ाना चाहिए। यह कार्य ख्याति पूजा के लिए नहीं बल्कि स्वयं के निर्वाण के लिए है और एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर भगवान के सामने संकल्पित होना चाहिए। देव,शास्त्र गुरु पर कोई आंच आये तो उनकी रक्षा के लिए हम सब मिलकर के कार्य करेंगे। बाहुबली मंदिर कमेटी के कार्य अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि 9 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व बाहुबली कालोनी में मुनि संघ के सान्निध्य में मनाया जाएगा।
Published on:
26 Jul 2025 04:48 pm
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