
In the absence of list the name of the owner of the three-storey house
सागर. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर पालिका द्वारा जारी की गइ क्षेत्र के आवासहीन हितग्रहियों की सूची पर अभी से सवालिया निशान लग गया है। इस सूची में कुछ एेसे नाम भी शामिल हो गए हैं जिनके कच्चे नहीं बल्कि पक्के आरसीसी मकान हैं। इतना ही नहीं सबसे बड़ी चूक तो तब सामने आई जब सूची में नपा के कांग्रेस से पार्षद चंदरानी पटेल के पति गोविंद पटेल का होने की बात उजागर हुई। जबकि पटेल का स्वयं का तीन मंजिला भवन नपा क्षेत्र में है। हालांकि यह जानकारी उजागर भी स्वयं पार्षद पति ने की है। इस संबंध में उन्होंने नपा सीएमओ से भी मौखिक शिकायत की है।
नपा ने क्षेत्र में चिन्हित २४७१ आवासहीन लोगों की सूची 23 दिसंबर को जारी कर 5 जनवरी तक दावा-आपत्ति करने के लिए समय दिया था। नगर पालिका कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बीते पांच दिन में नपा के सभी 18 वार्डों के 350 लोग अब तक आवासहीन होने का दावा कर चुके हैं। जबकि एक व्यक्ति ने आपत्ति दाखिल की है। इसमें भी वार्ड नंबर 17 निवासी धनीराम अहिरवार ने अपने भाई लल्ले अहिरवार का पक्का मकान होने के बाद भी सूची में नाम शामिल होने को लेकर आपत्ति जताई है।
एजेंसी पर लापरवाही के आरोप
नगर पालिका कार्यालय के अनुसार कुछ समय पूर्व क्षेत्र में कैंप लगाए गए थे जिनमें
लोगों ने आवासहीन होने का दावा करते हुए योजना में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद नपा ने थर्ड पार्टी एजेंसी नियुक्त कर क्षेत्र में आवासहीन परिवारों का सर्वे कराया था। सूची में शामिल अपात्र हितग्राहियों के शामिल होने को लेकर नपाध्यक्ष सुशीला रोहित ने इसमें एजेंसी की गलती मानी है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि यह सूची फाइनल नहीं है। दावा-आपत्ति आने के बाद हितग्राहियों के दस्तावेजों की
जांच के साथ स्थल निरीक्षण भी किया जाएगा। उसके बाद ही नगर पालिका हितग्राहियों की अंतिम सूची जारी करेगी।
मुझे नहीं पता
&मेरा नाम आवासहीन हितग्राहियों की सूची में कैसे शामिल हुआ, यह जानकारी मुझे भी नहीं है। न तो मैंने आवेदन किया है और न ही सर्वे के दौरान किसी से मेरा संपर्क हुआ। मैंने इस बात को लेकर सीएमओ से मौखिक शिकायत भी की है।
गोविंद पटेल, पार्षद प्रतिनिधि
पात्र हितग्राहियों की मुसीबत, जमीन के दस्तावेज नहीं तो लाभ से भी नहीं
नगर पालिका द्वारा जारी की गई क्षेत्र के आवासहीन हितग्राहियों की सूची में भले ही सभी लोगों को शामिल कर लिया गया हो, लेकिन यहां पर पात्र हितग्राहियों की मुसीबतें अभी थमी नहीं हैं। चूंकि मकरोनिया नगर पालिका में चार गांव शामिल किए गए हैं जो पुराना रहवासी क्षेत्र हैं। यहां अंदर आबादी में रहने वाले सैंकड़ों परिवार एेसे हैं जो योजना के लिए तो पात्र हैं, लेकिन इनके पास जमीन संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं हैं। योजना के तहत जमीन संबंधी दस्तोवेज होना जरूरी है। हालांकि शासन-प्रशासन स्तर पर वर्षों से काबिज इन हितग्राहियों को अधिकार पत्र दिए जाने
का प्रावधान है, लेकिन इसमें अभी तक केवल कागजी कार्रवाई हुई है।
इस मामले को लेकर जब नपाध्यक्ष से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन में एसडीएम, तहसीलदार आदि को पत्र व्यवहार किया है। राजस्व विभाग द्वारा एेसे सभी हितग्राहियों को चिह्नित किया जा रहा है। इनको कैसे भू-स्वामी बनाना है इसका निर्णय प्रशासनिक स्तर पर ही होगा।
Published on:
29 Dec 2017 07:50 am
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