
सूअर में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू
सागर. नगर निगम और कैंट क्षेत्र में मंगलवार को किसी भी सूअर की मौत न होने की जानकारी सामने आई है। इधर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से एडवाइजरी जारी की है और पशु चिकित्सा विभाग, नगर निगम व स्थानीय निकायों को इसकी मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि निगम क्षेत्र में मात्र 12 पशुपालक हैं, जिनके पास करीब 150 से 200 सूअर होंगे।
एडवाइजारी में यह कहा गया है
कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि कहीं पर सूअर बीमारी की चपेट में आने की सूचना मिले तो तत्काल पशु चिकित्सा विभाग स्थानीय निकायों के साथ मिलकर काम करें। प्रभावित सुअरों को आइसोलेट करें। कलेक्टर आर्य ने कहा कि सूअर की मौत होने के बाद उन्हें तय गाइडलाइन के तहत दफन करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।
सागर में इन क्षेत्रों में हो रहा सूअर पालन
- कैंट व विट्ठलनगर
- भूतेश्वर श्मशानघाट के पास
- राजीव नगर
- अम्बेडकर वार्ड
- जीएडी कॉलोनी
- गोपालगंज श्रीराम कॉलोनी के पास
टीकमगढ़ और दमोह में भी हो चुकी सुअरों की मौत
टीकमगढ़- टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ ब्लॉक के फुटेर चक-1 गांव में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी फैलने की पुष्टि हो चुकी है। पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. डीके विश्वकर्मा ने बताया कि ग्राम फुटेर चक-1 में अफ्रीकन फ्लू बीमारी का संक्रमण सुअरों में तेजी से फैल रहा है। बीमारी की पुष्टि के बाद क्षेत्र को इन्फेक्टेड जोन घोषित किया गया है और आसपास के 9 किलोमीटर के एरिया को विशेष दायरे में लिया है। डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो फिर सुअरों को वैज्ञानिक पद्धति से मारा जाएगा। इसके बाद इन्हें निर्धारित गहराई में गाड़ दिया जाएगा।
दमोह- दमोह जिले में मृत हो रहे सुअरों की सैम्पल रिपोर्ट भी सामने आ गई है। यहां पर भी सुअरों की मौत की वजह अफ्रीकन स्वाइन फ्लू रही है। प्रशासन ने सुअरों की मौत के बाद सर्वे कार्य शुरू कराया है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। बीमारी की पुष्टि होने के बाद उन्हें सिर्फ आइसोलेट ही किया जा सकता है और ज्यादा स्थिति खराब होने पर वैज्ञानिक तरीके से उनका मारा जाता है। पशुपालकों को इसके मुआवजा का भी प्रावधान रहता है।
मंगलवार को कोई मौत नहीं हुई
मंगलवार को नगर निगम सीमा क्षेत्र में किसी भी सूअर के मृत होने की सूचना नहीं आई है। जिला प्रशासन ने जो एडवाइजरी जारी की है, निगम प्रशासन, पशु चिकित्सा विभाग के साथ उस दिशा में काम रहा है। सैम्पल रिपोर्ट आने में तीन-चार दिन का समय लगेगा।
- राजेश सिंह राजपूत, स्वच्छता अधिकारी सह सहायक आयुक्त
Published on:
27 Dec 2022 07:49 pm
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