जांच के लिए आई सीबीआई टीम ने फीस स्लैब, परीक्षा फीस, कॉलेज स्टाफ, छात्रवृत्ति सहित अन्य बिंदुओं पर जानकारी ली थी, जिसमें कुछ विद्यार्थियों के परीक्षा से वंचित होने की बात भी सामने आई थी। सिविल अस्पताल पहुंचकर भी सीबीआइ ने पूछताछ की थी, क्योंकि कॉलेज के पास स्वयं का अस्पताल नहीं होने से विद्यार्थियों को सिविल अस्पताल में इंटर्नशिप करने भेजा जाता है।
टीम ने अस्पताल से यह जानकारी हासिल की थी कि, कितने छात्र कब से इंटर्नशिप कर रहे हैं। सीबीआई द्वारा कॉलेज अयोग्य घोषित करने के बाद अभी कॉलेज खुल रहा है और कोर्ट के आदेश पर पूर्व से अध्ययनरत विद्यार्थियों को परीक्षा दिलाने की बात कही जा रही है।
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नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी कई बार अतिरिक्त परीक्षा फीस लेने के साथ-साथ छात्रवृत्ति न देने की शिकायत कर चुके हैं। कॉलेज के कई विद्यार्थी तीन-तीन साल से परीक्षा से वंचित हैं। फीस व छात्रवृत्ति को लेकर शिकायतें होती रहतीं हैं।
संचालक को हटाया
स्थानीय स्तर पर कॉलेज का संचालन कर रहे इफ्रायम डेविड सेमुएल को कॉलेज प्रबंधन ने आर्थिक सहित अन्य अनियमितताओं के चलते हटा दिया है। सीबीआइ जांच के बाद ही संचालक को हटाने की कार्रवाई हुई, जबकि अनियमितताएं शुरू से बरती जा रही थीं। यह भी पढ़ें- VIDEO में युवक बोला- ‘इसे कायरता नहीं, मैरी मजबूरी समझना’ और उठा लिया खौफनाक कदम कोर्ट के आदेश पर दिला रहे परीक्षा
इस संबंध में डॉ. आंबेडकर नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन संदीप सिंह का कहना है कि अनियमितताओं के चलते कॉलेज का कार्य देख रहे इफ्रायम डेविड सेमुएल को हटाया है। साथ ही कोर्ट के आदेश पर बीएससी प्रथम और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को सागर में परीक्षा दिलाई जा रही है। अभी नए प्रवेश नहीं लिए जा रहे हैं। सीबीआइ ने कॉलेज को अमान्य बताया है, इसकी भी फिर से जांच होगी, क्योंकि सीबीआई द्वारा किस तरीके से जांच की गई है, सबके सामने है।