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आइजी बंगला से सिविल लाइन रोड पर स्थित हनुमान दुर्गा भैरव धाम में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को प्रथम दिन कथा व्यास आचार्य अरविंद भूषण महाराज ने कहा किसी भी पुराण के महत्व को जाने बिना श्रोता एवं भक्त में ग्रंथ के प्रति श्रद्धा उत्पन्न नहीं होती। श्रोताओं में श्रद्धा भक्ति उत्पन्न हो इसलिए ग्रंथ के वाचन के पहले उसके महत्व को समझाना शास्त्र समंत है। यह कथा भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय रूप है। यह महत्व की कथा पदम पुराण से ली गई है, जो छह अध्याय में वर्णित है। उन्होंने कहा कि रामकथा हमें जीवन कैसे जीना है यह सिखाती है और भागवत कथा भक्तों की कथा है। यह जीवन में मोक्ष कैसे प्रदान हो हमें समझाती है। कथा में आत्म देव के यहां संतान नहीं है संतान के लिए आत्मदेव दुखी है। हमें इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने माता पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए, उन्हें किसी प्रकार का कष्ट नहीं देना चाहिए। यह कथा स्मृति शेष अर्पित तिवारी की पुण्य स्मृति में उनके माता-पिता पुष्पा अंबिका तिवारी करा रहे हैं। कथा में पं. जेपी भटेले, विनोद कारोलिया, केके तिवारी, बीपी मिश्रा, रामप्रकाश मिश्रा, केएन दुबे, आरपी मिश्रा, एमके रावत सहित अन्य भक्त उपस्थित थे।
Updated on:
01 Jan 2025 05:19 pm
Published on:
01 Jan 2025 05:18 pm
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