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सागर. डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि द्वारा दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को गुमराह किया जा रहा है। विवि प्रशासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन में पात्र विद्यार्थियों में कुछ अपात्र माने जा रहे हैं और उनका नाम सूची से गायब है। एलएलएम के छात्र के बाद अब बीएएलएलबी कर चुकी एक छात्रा ने गोल्ड मेेडल की सूची में शामिल न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। छात्रा ने इस मामले में हाइकोर्ट में याचिका लगाने के लिए आवेदन कर दिया है। खुरई निवासी छात्रा प्रिया मोदी ने बताया कि उसने वर्ष 2018-19 में एलएलबी की थी। उसके कोर्स में सबसे ज्यादा ८० प्रतिशत अंक थे, लेकिन इसके बाद भी उसका चयन नहीं हुआ।
छात्रा प्रिया ने बताया कि थर्ड सेमेस्टर में इंग्लिश का पेपर आउट ऑफ सिलेबस आया था। इस दौरान सभी विद्यार्थियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन विभाग ने प्रश्नों को नहीं बदला। इस वजह से विद्यार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। विधि विभाग ने सभी विद्यार्थियों को बैकलॉक में रखा। इस वजह से पांचवे सेमेस्टर में इंग्लिश का पेपर दिया। छात्रा प्रिया ने बताया कि इसी को आधार बनाकर विधि विभाग ने मेरा नाम गोल्ड मेडल के लिए नहीं दिया।
बेस्ट परफोर्मर को दिया जाना है गोल्ड
छात्रा का कहना है कि विवि के नोटिफिकेशन में यह बात नहीं लिखी है कि बैकलॉक आने वाले विद्यार्थी दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल के लिए पात्र नहीं होंगे। उसमें सिर्फ यह लिखा है कि बेस्ट परफोर्मर करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल की सूची में रखा जाएगा। हाइकोर्ट अधिवक्ता ब्रम्हानंद पांडेय ने बताया कि छात्रा ने इस संबंध में याचिका लगाने के लिए आवेदन दिया है। याचिका पर जल्द सुनवाई होगी।
Published on:
18 Nov 2019 09:09 am
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