नौ भवनों का कार्य नहीं हुआ शुरू, कुछ पूर्व सरपंचों ने निकाली राशि, फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई
बीना. नौनीहालों को अच्छी सुविधाएं मिले इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत हुए थे। यह भवन अलग-अलग वर्ष में स्वीकृत हुए हैं, लेकिन इनका निर्माण नहीं हो पाया है। 9 भवन तो ऐसे हैं, जिनका कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। अधिकारी बार-बार पंचायत को पत्र भेज रहे हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 35 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण होना है, जिसमें वर्ष 2014, 2018, 2021और 2022 में स्वीकृति मिली थी। स्वीकृति के बाद अभी तक एक भी भवन तैयार नहीं हो पाया है। नौ भवनों का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। भवन न होने से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन पंचायत भवन, स्कूल के अतिरिक्त कक्ष, सामुदायिक भवन सहित छह किराए के मकानों में हो रहा है, जिससे कई जगह सुविधाएं भी नहीं हैं और बच्चों को परेशानी होती है। ग्रामीण क्षेत्र में कुल 170 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। स्वीकृत भवनों का निर्माण जनपद पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों को करना है। बैठकों में हर बार यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारी लेते हैं और निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन फिर भी कार्य में प्रगति नहीं आ रही है। कुछ पूर्व सरपंचों ने भवन की राशि भी निकाल ली है, लेकिन काम नहीं हुआ है और अब वर्तमान सरपंच राशि न होने का हवाला दे रहे हैं।
शहर में सिर्फ एक आंगनबाड़ी भवन
शहर में 58 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन शासकीय भवन सिर्फ एक ही है। शेष केन्द्र किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। किराया कम होने से छोटे-छोटे कमरों में चल रहे केन्द्रों में अच्छे से बैठने की सुविधाएं भी नहीं हैं। शहर में शासकीय जमीन न होने से केन्द्र बनने में परेशानी आ रही है।
किया जा रहा है पत्राचार
आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूरा कराने के लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है। कुछ पूर्व सरपंचों ने राशि भी निकाल ली है, लेकिन काम नहीं कराया है।
एसएल कुरेले, सीइओ, जनपद पंचायत, बीना