
katha
बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित भागवत कथा
सागर. प्रयागराज में जो घटना हुई है वह दुखद है। हर एक व्यक्ति त्रिवेणी संगम में ही गोता लगाना चाहता है। हम घर के ठाकुरजी को नहीं उतना मानते जितना श्रीराम वृन्दावन के ठाकुरजी को यह हमारी मानसिकता बन गई है। यही कारण है कि हम जब तक कोई भी ग्रंथ नहीं पढ़ेंगे, तब तक आप कुछ प्राप्त नहीं कर पाओगे। यदि आप मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में पहुंचकर भी हम यदि वहां कुछ समय रूककर भी स्नान करे तो भी उतना ही फल हमें प्राप्त होगा। ऐसे ही ठाकुर जी जो हमारे घर में है, उन्हें भी उतना ही मानिए जितना कि वृन्दावन धाम में ठाकुरजी विराजमान है। यह बात कथा व्यास इंद्रेश महाराज ने बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कही। महाराज ने कहा कि धर्म और परमधर्म को समझकर ही हरिपुरम को प्राप्त किया जा सकता है। पहले धर्म को समझिए जीवन यापन के लिए इस लोक में रहने के लिए आप जो कर्म कर रहे हैं वह धर्म है। इसमें भोजन भी धर्म है, हम क्या खाएं कब खाएं कैसे खाएं ? इसका ध्यान रखना है। भोजन मुख से लगने के बाद वापस थाली में नहीं आना चाहिए। ऐसे ही भवन भी ऐसा होना चाहिए जिसमें पक्षियों, पशुओं, संतों और भगवान का स्थान हो। भ्रमण का भी नियम है हम कहां जाएं ? तीर्थों पर या व्यसन भोगने के स्थान पर जाएं ? ऐसे ही भाषा का दुरुपयोग हो है जिससे भाषा का मजाक बन जाता है। भाषा की शुद्धता और पवित्रता रखना भी धर्म हैदक्षिणा में मांगा गोपी गीत का पाठउन्होंने कथा में दक्षिणा में सभी भक्तों से गोपी गीत का पाठ नित्य करने को कहा। साथ ही किसी एक ग्रंथ का अध्ययन और उसे धारण करने का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि आपने भोग भोगकर, रोग रोगकर और योग योग कर देख लिए। अब समझिए कि भागवत का प्रारंभ ज शब्द से होता है। जो कष्ट का प्रतीक है निश्चित ही हम पीडि़त हैं यदि पीडि़त नहीं होते तो वैकुंठ में होते हमारा जन्म ही नहीं होता।
भजनों पर की भक्ति
कथा व्यास इंद्रेश महाराज ने अति सुंदर मनमोहक भजनों के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया एवं श्रद्धालुओं ने भी मधुर भजनों पर जमकर भक्ति की। कथा में दूसरे दिन राज्य मंत्री लखन पटेल,जयंत मलैया,विधायक अजय विश्नोई एवं पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष विनोद गोटिया सहित अन्य अतिथि शामिल हुए। कथा में मुख्य यजमान अनुश्री शैलेंद्र जैन, सुखदेव मिश्रा, अजय दुबे, शैलेष केशरवानी, नितिन बंटी शर्मा, देवेन्द्र कटारे, राजकमल केसरवानी, लक्ष्मण सिंह, निकेश गुप्ता, विनय मिश्रा, विक्रम सोनी एवं सुबोध पारासर अधिक मौजूद रहे।
Published on:
01 Feb 2025 11:38 am
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
