
उम्मीदों पर फिरा पानी, मालथौन, बांदरी, सुरखी व बिलहरा फिर पंचायत घोषित
सागर. भाजपा शासनकाल में वर्ष 2018 में जिले में गठित की गई चार नई नगर परिषदों का आदेश शासन ने निरस्त कर दिया है। इसमें जिले की मालथौन, बांदरी, बिलहरा व सुरखी के नाम शामिल हैं, जबकि हालही में इन नई निकायों के तहत आने वाली 26 ग्राम पंचायतें और उनके तहत आने वाले 35 गांव को पंचायत विभाग से अलग करने राजपत्र प्रकाशित किया गया था। इन आदेश के साथ ही उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है जो नगर परिषद के जनप्रतिनिधि बनने की तैयारी में जुट गए थे। नगर परिषदों के गठन का आदेश रद्द करने के बाद अब यह कहा जा रहा है कि संबंधित जनपदों में पंचायतों का आरक्षण भी दोबारा से किया जाएगा, क्योंकि कुछ समय पहले हुए आरक्षण में इन सभी 26 ग्राम पंचायतों को शामिल नहीं किया गया था।
इन पंचायतों को मिलाकर किया था गठन
1- मालथौन
शासन ने छह ग्राम पंचायतों मालथौन, कुंवरपुरा, अंडेला, मांदरी, इटावा और बेसरा को मिलाकर मालथौन नगर परिषद का गठन किया गया था, इन छह पंचायतों में आने 15 गांव भी शामिल थे।
2- बांदरी
बांदरी नगर पंचायत का गठन पिठौरिया, अटाटीला, झीकनी, पहरगुवां, पिथौली, आगार्सिस और मूडरी-पिठौरिया को मिलाकर किया गया था। इसमें सभी आठ ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले 20 गांव शामिल थे।
3- बिलहरा
जैसीनगर तहसील के तहत आने वाली बिलहरा ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाते हुए केवलारी, पिपरिया, टेकापार सींगना, खुरईथावरी, महुआखेड़ा व बेरखेड़ी-मढिय़ा को भी उसमें शामिल कर दिया गया था।
4- सुरखी
सागर तहसील के तहत आने वाली सुरखी ग्राम पंचायत को भी नगर पंचायत बनाने की घोषणा हुई थी। इसमें सुरखी के अलावा क्षेत्र की विदवांस, चतुर्भटा, मिड़वासा और करैया पंचायत अब पंचायत विभाग के अधीन नहीं रहेंगी।
Published on:
14 Mar 2020 09:01 am
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