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यहां पर हमेशा छाया रहता है धूल का धुंध

पांच किलोमीटर का चक्कर काटकर राजघाट तिराहे से आवाजाही कर रहे राहगीर

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यहां पर हमेशा छाया रहता है धूल का धुंध

यहां पर हमेशा छाया रहता है धूल का धुंध

सागर. संजय ड्राइव मार्ग शहर की ऐसी दूसरी सड़क बन गई है जो पिछले चार सालों से शहरवासियों को परेशान कर रही है। वर्तमान में सड़क से निकलना राहगीरों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। धूल के गुबार पूरे समय मार्ग पर छाए रहते हैं। आलम यह है कि कई लोगों ने तो इस मार्ग से आना-जाना ही छोड़ दिया है और पांच किलोमीटर का चक्कर काटकर राजघाट तिराहे से आवाजाही कर रहे हैं। धर्मश्री, शीतला माता मंदिर चौराहे से मोतीनगर चौराहे को जाने वाला मार्ग पहले नंबर पर है जो आज भी अव्यवस्थित है। यहां पर पिछले 6 सालों से काम चल रहा है।

ये है बड़ी अव्यवस्था

- संजय ड्राइव के टी-पाइंट से कनेरादेव पुल तक नगर निगम प्रशासन को सड़क बनानी थी, लेकिन निगम के अद्भुत इंजीनियर्स ने पूरे मार्ग की जगह बीचोंबीच सड़क निर्माण का टेंडर जारी कर दिया और सड़क भी बनवा ली। हालात तब और ज्यादा बिगड़ गए जब बीचोंबीच बनाई गई सड़क का कुछ हिस्सा ठेकेदार ने इसलिए नहीं बनाया क्योंकि प्रशासन ने उसकी राशि रोक ली थी।

- दो साल पहले इस सड़क को नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया गया, लेकिन काम की रफ्तार बहुत ही धीमी है। यहां पर वाटर सप्लाई नेटवर्क भी बीच में आ रहा था जिसके कारण भी काम करने में एजेंसी को समय लग गया है। दो सालों में मात्र सड़क के चौड़ीकरण पर ही छुटपुट काम हुआ है जिसके कारण राहगीर परेशान हो रहे हैं।

मानसून के पूर्व कार्य होना मुश्किल

संजय ड्राइव मार्ग का इस बार भी मानसून के पूर्व कार्य पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है। यहां पर नहर के बाजू में रीटेनिंग वॉल, पॉथवे समेत अन्य कार्य भी किए जाने हैं, लेकिन इस हिसाब से अभी कोई भी तैयारी नहीं दिख रही है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अफसर भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।