27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

संचालक और स्टाफ के बिना संचालित होते हुए मिला अस्पताल, दो क्लीनिक पर बिना डिग्री के कर रहे एलोपैथिक इलाज

एसडीएम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ की कार्रवाई, क्लीनिक व अस्पताल सील

2 min read
Google source verification
Hospital found operating without operator and staff, two clinics providing allopathic treatment without degree

निरीक्षण के दौरान निजी अस्पताल में मिलीं सिविल अस्पतला की डॉक्टर से चर्चा करते एसडीएम

बीना. नगर में बुधवार को एसडीएम विजय डेहरिया के निर्देशन में क्लीनिकों और अस्पताल की जांच की गई। जांच के दौरान दो क्लीनिक पर बिना डिग्री के एलोपैथी दवाएं रखी मिलीं, जिन्हें सील किया गया। साथ ही नंदन वाटिका कॉलोनी में संचालित बीना पीपुल्स केयर अस्पताल में मौक पर न तो संचालक मिले और न ही कोई स्टाफ। कोई भी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए पाए, जिससे अस्पताल सील कर दी गई है।
कॉलोनी में संचालित अस्पताल में जब टीम पहुंची, तो वहां बड़ी संख्या में मरीज बैठे हुए थे, जिसमें अधिकांश सोनोग्राफी कराने वाले थे। जब वहां मौजूद कर्मचारियों ने टीम से संचालक की जानकारी ली, तो वह वहां मौजूद नहीं थे और न ही कोई अन्य डॉक्टर थे। जिम्मेदार कर्मचारी नहीं होने से दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसपर एसडीएम के निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया। जानकारी के अनुसार अस्पताल संचालक डॉ. पंकज कुमार भोपाल में सरकारी नौकरी करते हैं। वहीं, टीम ने छोटी बजरिया स्थित दो क्लीनिक की जांच की, तो टीम को देखकर एक क्लीनिक संचालक गुलाब (गुल्लन) पटेल वहां से भाग निकले और क्लीनिक में एलोपैथी दवाएं रखी मिलीं, जिसपर क्लीनिक सील कर दी है। इसके पास एक और क्लीनिक संचालित होते हुए मिली। यहां मौजूद डॉ. विश्वास से टीम ने डिग्री मांगी, तो वह उपलब्ध नहीं करा पाए और एलोपैथी दवाएं भी मिलीं, जिसपर क्लीनिक सील कर दी गई। क्लीनिकों पर को बोर्ड भी नहीं लगा था। टीम में तहसीलदार अंबर पंथी, फार्मासिस्ट प्रशांत रोहण, एसआइ आरके जोरम, शहर पटवारी राजेश शर्मा, संदीप श्रीवास्तव, सुनीता पटेल आदि उपस्थित थे।

सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर कर रही थीं सोनोग्राफी
बीना पीपुल्स केयर अस्पताल में जब टीम जांच करने पहुंची, तो वहां सोनोग्राफी करते हुए सरकारी अस्पताल में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नेहा कटारे मिलीं। एसडीएम के पूछने पर उन्होंने बताया कि वह बुलाने पर अस्पताल में सिर्फ सोनेग्राफी करने के लिए आती हैं। इस संबंध में वहां मौजूद मरीजों के बयान लेकर पंचनामा तैयार किया गया है, जिसमें मरीजों ने बताया कि सिविल अस्पताल में डॉ. कटारे ने उनका चैकअप किया था और फिर सोनोग्राफी कराने के लिए अस्पताल आए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनोग्राफी मशीन राजेश कुमार वैन के नाम से चल रही है, जो मौजूद नहीं थे और जांचें की जा रही थीं।

जिसके नाम पर मशीन, उसका मौजूद होना जरूरी
बीएमओ डॉ. राजेश पस्तौर ने बताया कि बीना पीपुल्स केयर अस्पताल में संचालक न होने और स्टाफ न मिलने पर एसडीएम के निर्देश पर अस्पताल सील की है। साथ ही सोनोग्राफी मशीन जिसके नाम पर है, उसका मौजूद होना जरूरी है और उसके ही रिपोर्ट पर हस्ताक्षर होते हैं। यदि कोई और सोनोग्राफी करता है, तो उसकी भी अनुमति होना जरूरी है।

मांगें गए हैं दस्तावेज
अस्पताल और क्लीनिक संचालकों से दस्तावेज मांगें गए हैं। यदि दस्तावेज नहीं मिलेंगे, तो फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना