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रजाई की बिक्री व तगाई में आई तेजी

मौसम में आई ठंडक का असर

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Increase in the sale and quilt of quilt

Increase in the sale and quilt of quilt

खुरई. कुछ दिनों से ठंड में तेजी आने लगी है जिससे ऊनी वस्त्रों की दुकानों एवं रजाई की दुकानों पर लोग रजाई भरवाने में तेजी हो गई है। वहीं कपड़े की दुकानों पर गरम कपड़ों की बिक्री में भी तेजी आई है। रजाई दुकानदार जाफर खान, साहिल एवं सोनू ने बताया कि कुछ दिनों से ठंड में तेजी आने से रजाई भरवाने के काम में तेजी आई है। काम में तेजी आने से हम लोगों को रात 11 बजे तक रजाई भरने एवं तकाई का काम करना पड़ रहा है। देशी रुई के भाव 150 रूपए प्रति किलोग्राम चल रही है। देशी रुई की मांग काफी ज्यादा है। देशी रुई के भाव अधिक होने से गरीब तबके के लोग रजाईयों में कतरन वाली हल्की सूत डलवा रहे हैं, क्योंकि इसकी कीमत 60 से 70 रूपए प्रति किलोग्राम है। संपन्न परिवारों की पहली पसंद जयपुरी रजाई बनी हुई है क्योंकि यह बहुत हल्की होने के बाद भी गरमी देती है और रखने में भी कम जगह लेती है।
बढ़ती हुई मंहगाई में जहां ऊनी वस्त्रों के दामों में बेहताशा इजाफा हुआ है तो वहीं अब रुई की धुनाई एवं रजाई की तकाई के रेटों में भी कुछ बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में जहां पुरानी रुई की धुनाई का रेट 40 रुपए प्रति किलो एवं नई रुई की धुनाई 30 रुपए चल रही है तो वहीं तकाई का रेट 60-70 रुपए तक चल रहे हैं।
ठंड के बढऩे से ऊनी कपड़ों में भी तेजी आई है। जहां युवा वर्ग की पहली पसंद जैकिट है। हाफ, फुल, चैन और बटन वाली जैकिट युवाओं की पहली पसंद मानी जा रही है। महिलाओं और युवतियों की ब्लैक लेदर जरकिन और स्वेटर पसंद है। बाजारों में जरकिन और स्वेटर की विभिन्न वैरायटी बाजार में उपलब्ध है।