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अजीब है ये नौकरी, बंदूक के दम पर मिलती है, जानिए क्या है वजह

शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए लगी होड़

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It is strange that this job gets on the gun, know what is the reason

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सागर. जिले के युवाओं की रूचि आग्नेय अस्त्रों की तरफ बढ़ी है। लोग पहले ३१५ और १२ बोर बंदूक रखते थे वहीं अब विदेशी पिस्टल-रिवॉल्वर के लिए लाइसेंस में युवा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। साल की पहली तिमाही में अब तक जिले में १४९ शस्त्र लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं और अभी भी लाइसेंस शाखा में लंबित आवेदनों का ढेर लगा हुआ है। उधर वर्ष २०१७ के बारह महीनों में केवल २३२ लाइसेंस जारी किए गए थे। आवेदनों का ढेर देखकर ही युवाओं में बंदूक-पिस्टल रखने के बढ़ते क्रेज की स्थिति को समझा जा सकता है। दिनभर आवेदक लाइसेंस के लिए शस्त्र शाखा के चक्कर काटते रहते हैं।

बड़ों का भरोसा बंदूक पर, यूथ को पिस्टल

शस्त्र लाइसेंस के लिए सबकी अपनी-अपनी पसंद है। ग्रामीण विशेषकर उम्रदराज लोगों की पसंद और भरोसा अब भी ३१५ और १२ बोर बंदूक पर है।तो दूसरी ओर शहरी युवाओं को पिस्टल और रिवॉल्वर का लाइसेंस ही चाहिए।

७०० से ज्यादा आवेदन जमा

सूत्रों के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक जिले में बंदूक, पिस्टल-रिवॉल्वर के लिए करीब ७०० से ज्यादा आवेदन जमा किए गए जिनके विरुद्ध १४९ को लाइसेंस जारी किया गया है। इनमें १०९ लोगों को बंदूक जबकि २७ को रिवॉल्वर-पिस्टल लाइसेंस दिए गए हैं। परिजन की मौत के बाद उनके नाम के लाइसेंस को पुत्र या पत्नी को स्थानांतरित करने के १३ प्रकरण इस साल स्वीकृत किए गए हैं। पिछले साल २३२ को मिले थे शस्त्र लाइसेंस सागर जिले में पिछले साल १२०० से ज्यादा आवेदन शस्त्र लाइसेंस के लिए जमा कराए गए थे। जनवरी से दिसम्बर के बीच इनमें से २३२ को शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए थे। इसमें बंदूक के लिए १७२, स्थानांतरण ३१ और पिस्टल-रिवॉल्वर के लिए २९ लोगों को लाइसेंस सौंपा गया था। साल के १२ माह में २३२ लाइसेंस के मुकाबले इस साल शुरूआती ४ महीनों में ही आंकड़ा १४९ के ऊपर चला गया है और आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चुनाव आचार संहिता से पहले तक जारी लाइसेंस की संख्या पिछले साल से दोगुनी पहुंचने का अनुमान है।

कोई आत्मरक्षा तो कोई दूसरों की सुरक्षा के लिए मांग रहा लाइसेंस लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों की वजह भी काफी दिलचस्पी भरी हैं। कोई अपनी रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की गुजारिश कर रहा है तो कोई एजेंसी में गार्ड के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस मांग रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सौरभ शुक्ला ने भी आत्मरक्षा के लिए पिस्टल लाइसेंस लिया है जबकि कई नौजवानों ने सुरक्षा एजेंसी में गार्ड की नौकरी के लिए लाइसेंस आवेदन किया है।

&लोग अपनी सुरक्षा संबंधी जरूरतों के लिए लाइसेंस की मांग कर रहे हैं। आवेदनों पर विभिन्न स्तर पर जांच के बाद उच्चाअधिकारियों को भेजा जाता है, वहां से लाइसेंस जारी करने के संबंध में निर्णय होता है।

अविनाश रावत, सिटी मजिस्ट्रेट एवं शस्त्र लाइसेंस शाखा प्रभारी

१२०० से ज्यादा आवेदन शस्त्र लाइसेंस के लिए पिछले साल जमा हुए २३२ शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए थे