नीलांजना नृत्य देख आदिकुमार को हुआ वैराग्य, भरत-बाहुवली को राज्य सौंपकर ली दीक्षा
भाग्योदय तीर्थ परिसर के सुधा देशना मंडपम में निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
भाग्योदय तीर्थ परिसर के सुधा देशना मंडपम में निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को आदिनाथ बालक का तप कल्याणक मनाया गया । तप कल्याणक के दिन नीलांजना नृत्य को देखकर आदिकुमार को वैराग्य आ गया और दीक्षा वन की ओर प्रस्थान कर गए। आदिकुमार का राज्य अभिषेक हुआ। राज्य संचालन, असिमसि कृषि प्रदर्शन के बाद नीलांजना नृत्य की प्रस्तुति दी गई, जिसको देखकर ही आदिकुमार के मन में वैराग्य की उत्पत्ति हो गई और भरत एवं बाहुबली को राज्य सौंपकर आदिकुमार वन को निकल गए। लोकांतिक देवो ने वैराग्य स्तुति की। आदिकुमार की दीक्षा विधि संपन्न कराई गई। मुनि ने धर्मसभा में बताया कि कंकर कैसे शंकर बन जाता है। आत्मा से परमात्मा बनाया जाता है। मुनिश्री ने सभी प्रतिमाओं पर कल्याण दीक्षा दिवस के संस्कार किए गए। दीक्षा संस्कार के 48 मंत्रों का अर्थ समझाया गया। मनोज शास्त्री एवं अजय लंबरदार ने बताया कि रात्रि में भक्ति में शक्ति नमक नाटिका का मंचन किया गया।
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