
अधूरे पड़े कार्य
बीना. सौ दिन का रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चलाई जा रही है, लेकिन इसमें मजदूरी कम होने के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूरों की कमी के चलते पंचायतों में काम अधूरे पड़े हैं।
मनरेगा के तहत मजदूरों को 261 रुपए दिन की मजदूरी मिलती है। जबकि शहर या ग्रामीण क्षेत्र में अन्य कार्य करने पर 400 रुपए तक मजदूरी मिल रही है, जिससे मजदूर मनरेगा के तहत मजदूरी नहीं करना चाह रहे हैं। मजदूर न मिलने से पंचायतों में होने वाले अमृत सरोवर, खेत तालाब, बोरी बंधान, नाली, चैक डेम, सीसी रोड, स्टाप डैम, तालाब जीर्णोद्वार, कपिल धारा कुआं आदि कार्य अधूरे पड़े हैं या फिर शुरू होने की तलाश में हैं। समय-सीमा में कार्य न होने पर पंचायतों पर अधिकारी दबाव भी बनाते हैं। मजदूर इस योजना में अन्य जगहों पर मिलने वाली मजदूरी के बराबर मजदूरी देने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने एक अप्रेल से मजदूरी में सिर्फ 18 रुपए वृद्धि की है, जो 243 से 261 रुपए दिन हुई है।
फर्जीबाड़ा रोकने बनाए गए हैं सख्त नियम
मजदूर न मिलने पर पहले पंचायतें फर्जीवाड़ा कर कार्य पूरा करा लेती थीं, लेकिन अब इसके लिए भी सख्त नियम बना दिए गए हैं। मजदूरी करने वाले मजदूरों के सुबह और शाम फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड करने पड़ते हैं। इसके बाद ही मजदूरी खातों में डाली जाती है।
हर समीक्षा बैठक में आती है बात सामने
जनपद उपाध्यक्ष अमरप्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि मजदूरों के कारण काम प्रभावित होने की बात हर बार समीक्षा बैठक में सामने आती है। कई पंचायतों में काम अधूरे पड़े हैं। काम पूरे कराने के लिए अधिकारियों को प्रयास करने होंगे।
धीमी गति से हो रहे हैं काम
मनरेगा के तहत मजदूरों की समस्या आ रही है और काम धीमी गति से होने के कारण समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। समय पर काम कराने के लिए लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एसएल कुरेले, सीइओ, जनपद पंचायत, बीना
Published on:
21 Apr 2025 12:04 pm
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